ऑनलाइन संगोष्टी में कार्यक्रम संयोजक बोले- आत्मनिर्भर के साथ अच्छा इंसान बनाएगी नई शिक्षा नीति
रामलुभाई साहनी राजकीय महिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों की ओर से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें कहा गया कि नई शिक्षा नीति से विद्या्थी पढ़ाई के दौरान ही आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
पीलीभीत, जेएनएन। रामलुभाई साहनी राजकीय महिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों की ओर से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें कहा गया कि नई शिक्षा नीति से विद्या्थी पढ़ाई के दौरान ही आत्मनिर्भर बन सकेंगे। शुक्रवार को ऑनलाइन हुई संगोष्ठी में मुख्य अतिथि एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ, सोमपाल ने बताया यह स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है जो कि 34 वर्षों बाद प्राप्त हुई है।
लंबे समय से हम अंग्रेजी सिस्टम के अंदर पढ़ते आ रहे थे और भारतीयता को भूलते जा रहे थे। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति देश के संपूर्ण 718 जिलों में उच्च शिक्षा संस्थान खुलने वाली है। राज्य भाषा हिंदी को व क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ाने वाली है। परंपरागत अध्यापन पद्धतियों के संग आइसीटी को भी जोड़ने वाली है। नई शिक्षा नीति यूनिवर्सिटी और महाविद्यालय के अंतर की खाई को खत्म करने वाली है। भारतीय युवा का विकास ही नहीं करेगी अपितु आत्मनिर्भर बनाते हुए एक अच्छा इंसान भी बनाएगी।
डॉ रजत गंगवार ने कहा की नई शिक्षा नीति परंपरागत शिक्षा नीति को सुधारात्मक करते हुए महाविद्यालय स्तर पर शिक्षा के स्तर को बढ़ाते हुए शोध को बढ़ाएगी। संयोजक व नोडल अधिकारी डॉ. नरेंद्र बत्रा ने कहा कि नई शिक्षा नीति एजुकेशन और कौशल विकास दोनों पर काम करेगी। सरकार शिक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा आयोग की स्थापना की जाएगी। जिसके अध्यक्ष शिक्षा मंत्री होंगे। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर राज्य शिक्षा आयोग का गठन होगा।
जिसके अंतर्गत तीनों प्रकार की शिक्षाओं के क्रम को निश्चित रूप से सुधारात्मक पहलुओं को आगे बढ़ाया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम अधिकारी माजिद हुसैन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इसमें डॉ. कामरान आलम खान, डॉ, दिनेश चंद्र, डॉ रंजना सिंह व अनूप कुमार शुक्ला ने भी विचार व्यक्त किए।