क्राइम ब्रांच की क्लीन चिट के बाद बढ़ी कारोबारी नेता के भतीजे की मुश्किले, बरेली SSP ने रोकी FR, दिए नए सिरे से जांच के आदेश
Oxygen Cylinder Black Marketing Case कोरोना महामारी के दौर में आक्सीजन सिलिंडर व अन्य मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी में फंसे व्यापारी नेता के भतीजे के खिलाफ अब नए सिरे से जांच होगी। क्राइम ब्रांच ने मामले में व्यापारी को आरोपों से बरी कर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।
बरेली, जेएनएन। Oxygen Cylinder Black Marketing Case : कोरोना महामारी के दौर में आक्सीजन सिलिंडर व अन्य मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी में फंसे व्यापारी नेता के भतीजे के खिलाफ अब नए सिरे से जांच होगी। क्राइम ब्रांच ने मामले में व्यापारी को आरोपों से बरी कर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। जानकारी होते ही एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने मामले में लगी एफआर रिपोर्ट रोक दी और पूरे मामले के पुर्नविवेचना के निर्देश जारी कर दिये। जिस आडियो को आधार बनाकर क्राइम ब्रांच ने व्यापारी को आरोपों से बरी कर दिया था, उस आडियो के भी दोबारा परीक्षण के निर्देश दिये हैं। एसपी क्राइम से एसएसपी ने पूरे मामले की रिपोर्ट भी तलब की है।
राजेंद्र नगर निवासी पारस गुप्ता के खिलाफ नौ मई को प्रेमनगर थाने में औषधि एवं खाद्य निरीक्षक उर्मिला वर्मा ने आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। उन पर आक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराने के बदले 40 हजार रुपये मांगने का आरोप था। मुकदमा दर्ज होने के बाद पारस गुप्ता फरार हो गए। आरोपित की गिरफ्तारी न होने पर प्रेमनगर पुलिस ने मिलीभगत का आरोप लगा।
इस पर एसएसपी ने पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी थी। मामले की विवेचना इंस्पेक्टर शोएब को मिली। आरोपित के खिलाफ साक्ष्यों के अभाव का हवाला देकर इंस्पेक्टर शोएब ने पारस गुप्ता को आरोपों से बरी कर दिया। मामले में उन्होंने आरोपित को क्लीनचिट देते हुए दस अगस्त को फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। कोर्ट में यह रिपोर्ट दाखिल होती, इससे पहले ही मामला सुर्खियों में आ गया। एसएसपी तक जानकारी पहुंची। इसके बाद एसएसपी ने कालाबाजारी जैसे गंभीर आरोपों के मामले में दी गई क्लीनचिट की पुर्नविवेचना के निर्देश जारी कर दिये।
एसपी क्राइम को पूरे मामले की पुर्नविवेचना के निर्देश दिये गए हैं। विवेचक द्वारा मामले में लगाई गई एफआर रिपोर्ट रोक दी गई है। - रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी