स्वाइन फ्लू के मामले में अब तक सोए थे, सब रजिस्ट्रार की मौत के बाद जागे
शासन ने करीब पांच महीने पहले स्वाइन फ्लू के लिए भी स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया था।
जेएनएन, बरेली: शासन ने करीब पांच महीने पहले स्वाइन फ्लू के लिए भी स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया था। उस वक्त सीएमओ ने जिले के सभी प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों को पत्र भेजे थे। संदिग्ध लगने वाले मरीजों की तुरंत सूचना भेजने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके किसी भी अस्पताल ने सूचना नहीं दी। शुक्रवार को सब रजिस्ट्रार डिंपल शर्मा की स्वाइन फ्लू से मौत के बाद महकमे में खलबली मची है। इधर, दो संदिग्ध मरीजों की जानकारी भी विभाग को मिली है।
अमूमन स्वाइन फ्लू का प्रकोप अगस्त के आसपास रहता है। मगर कई बार यह सर्द मौसम में भी फैलता है। वर्ष 2015 में भी जनवरी में बीमारी ने पांव पसारे थे। इस बार भी बीमारी का असर दिखाई देने लगा है। करीब पांच महीने पहले शासन से अलर्ट आने पर सीएमओ ने जिले के 300 से अधिक प्राइवेट अस्पतालों को पत्र भेजा था। उन्होंने स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीजों की सूचना तत्काल आइडीएसपी (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) सेल को देने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके तमाम प्राइवेट अस्पताल विभाग को सूचना नहीं दे रहे हैं। अब स्वाइन फ्लू से महिला अफसर की मौत के बाद फिर सभी प्राइवेट अस्पतालों को पत्र भेजा गया है।
दो संदिग्ध मरीजों के सैंपल भेजे
स्वाइन फ्लू से एक मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसर सक्रिय हुए हैं। शनिवार को शहर के दो प्राइवेट अस्पतालों से दो संदिग्ध मरीजों की सूचना आइडीएसपी को मिली। इस पर मरीजों के लार के सैंपल जांच के लिए एकत्र किए गए।
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किसी भी अस्पताल में स्वाइन फ्लू होने पर उसकी सूचना देनी अनिवार्य है। सभी अस्पतालों को दोबारा पत्र भेजे गए हैं। सूचना नहीं देने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. विनीत शुक्ल, सीएमओ