जेल में बंद होकर चार महीने तक बना रहा प्रधान
जिले के जिस प्रधान को पटियाला के विशेष न्यायाधीश ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाकर जेल में बंद करा दिया। वह चार महीने तक प्रधान बना रहा। मामला हाईकोर्ट पहुंचने पर खलबली मच गई।
जेएनएन, बरेली। जिले के जिस प्रधान को पटियाला के विशेष न्यायाधीश ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाकर जेल में बंद करा दिया। फिर भी जिले में वह चार महीने तक प्रधान बना रहा। मामला जब इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा तो अफसरों में खलबली मच गई। हाईकोर्ट के आदेश के बाद डीएम को प्रधान को हटाने का निर्णय लेना पड़ा और पद रिक्त घोषित करना पड़ा।
मामला मझगवां ब्लॉक की कैनी शिवनगर ग्राम पंचायत का है। जहां ऋषिपाल सिंह वर्तमान में ग्राम प्रधान चुना गया। लेकिन प्रधान पर वर्ष 2014 में पंजाब के पटियाला में मादक पदार्थो की तस्करी के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ। इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय पटियाला ने 6 मार्च 2018 को प्रधान को पांच वर्ष की सजा सुनाकर कारावास में बंद करने के आदेश दिए। पटियाला कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रधान अपने पद पर बना रहा। बरेली जिला प्रशासन ने उसे हटाने की जहमत नहीं उठाई।
--कमल की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई : आरोप है, गांव के ही कमल कुमार शर्मा ने पटियाला कोर्ट का आदेश के बाद प्रधान को हटाने के लिए पहले जिला प्रशासन से गुहार लगाई। जब सुनवाई नहीं हुई तो इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर हाईकोर्ट ने 25 जुलाई 2018 को जिला प्रशासन को मामले पर विधि निर्णय लेने का आदेश सुनाया। यह आदेश आने के बाद डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह ने पंचायती राज अधिनियम की धारा 95-1(छ) में दिए गए प्रावधानों के अनुसार प्रधान को पद से हटा दिया। अब इसकी सूचना निवार्चन कार्यालय को भेज दी है।
--डीएम स्तर से होती है कार्रवाई :
प्रधान को हटाने की कार्रवाई जिलाधिकारी स्तर से होती है। हाईकोर्ट के आदेश मिलते ही प्रधान को हटाकर पद रिक्त घोषित किया है।
--विनय कुमार, डीपीआरओ।