थकान और चक्कर आ रहे हैं तो घबराए नहीं पोस्ट कोविड मरीज, योग और आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक हो रहे मरीज
कोरोना से ठीक हो रहे मरीजों में थकान आना चक्कर आना वजन कम होना मानसिक तनाव आंखों से कम दिखना भूख न लगना ऐसी समस्याएं आ रहीं हैं। डायबिटीज के मरीज या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हैं। उनमें भी ऐसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
बरेली, जेएनएन। कोरोना से ठीक हो रहे मरीजों में थकान आना, चक्कर आना, वजन कम होना, मानसिक तनाव, आंखों से कम दिखना, भूख न लगना ऐसी समस्याएं आ रहीं हैं। डायबिटीज के मरीज या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हैं। उनमें भी ऐसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। आयुर्वेद चिकित्सकों का कहना है कि यह पोस्ट कोविड लोगों में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। एसआरएम आयुर्वेद अस्पताल में टेलीमेडिसिन के दौरान ऐसे मरीज संपर्क कर रहे हैं।
टेलीमेडिसिन के दौरान 100 से अधिक लोग संपर्क कर रहे हैं। जिनमें से 40 प्रतिशत मरीज पोस्ट कोविड के हैं। डा. दिनेश का कहना है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों में यह ज्यादा हो रहा है। यह स्टेरॉयड के कारण हैं। क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को रोकने के काम आता है। लेकिन इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिससे लोगों में परेशानियां हो रहीं हैं।
टेली मेडिसिन में मरीजों को परामर्श दे रहे डा शांतलु का कहना है कि पोस्ट कोविड के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना तो कारण है ही। इसके साथ ही इन लोगों की मानसिकता नहीं बदल पा रही है। जिसके तहत यह हाइपोक्सिया से पीड़ित है। इनको डर है कि कहीं ब्लैक फंगस न हो जाए। या दुबारा कोविड संक्रमित न हो जाएं। जिसके तहत नींद न आना, कमजोरी, चक्कर आना सबसे बड़ी बीमारी डिप्रेशन हो रहा है। ऐसे में इन लोगों की पहले काउंसिलिंग की जा रही है। इसके बाद योगासन और दवाओं के बारे में परामर्श दिया जा रहा है।
क्या है हाइपोक्सिया
इन मरीजों की आक्सीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है। इसके बाद इन्हें लगता है कि फिर से संक्रमित हो गये। जबकि ऐसा नहीं होता है। तनाव के कारण मस्तिष्क तक ब्लड धीरे-धीरे पहुंचता है। आक्सीजन पहुंचने में देरी होती है। दिमाग एकदम सुस्त् हो जाता है। मरीज डिप्रेशन में चला जाता है। जब डिप्रेशन में जाता है। तो भूख न लगना, अनिद्रा, वजन कम होना स्वाभाविक हो जाता है।
योगासन से इनको मानसिक रुप से सही किया जाता है पहले
डा नितिन बताते हैं कि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण इनको अनुलोम, विलोम, भस्त्रिका, प्राणायाम जैसे योगासन कराए जाते हैं। जिससे मरीजों को श्वसन तंत्र मजबूत कराते हैं। इसे बाद भुजांगासन, नौकासन, सूर्य नमस्कार जैसे योगासन कराए जा रहे हैं। सभी मरीजों के लिए डीप ब्रीथिंग का भी प्रयोग कर रहे हैं।
इन दवाओं का करा रहे हैं उपयोग
भूख न लगने पर - हिंग्वाष्टक, ब्राह्मी
थकान होने पर- खजूर और मुन्नका का पानी
नींद न आने पर - ब्राह्मी चूर्ण
मानसिक तनाव- जटामासी
वजन कम होने पर- चित्रक वटी
इम्युनिटी बढ़ाने- अश्वगंधा दूध के साथ
ये भी आजमाएं
अजवायन के पानी की भाप, नीलगिरि तेल की बूंद डालकर भाप लेना, नाक में नारियल तेल, अरंडी का तेल और सरसों के तेल का भी प्रयोग करवा रहे हैं।
12 डॉक्टर्स की टीम कर रही है काम
अधीक्षक डा दिनेश मौर्य ने बताया कि टेलीमेडिसिन में 12 डॉक्टर्स की टीम काम कर रही है। जिसमें स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग, शल्यज्ञ रोग, काय चिकित्सा, पेट व उदर रोग, चर्म रोग, नेत्र रोग, पंचकर्म, मधुमेह, हृदय रोग, रसासन, योग विशेषज्ञों की काम कर रही है।
ये डाक्टर कर रहे हैं उपचार
प्रो प्रीति शर्मा स्त्रीरोग विशेषज्ञ 9411919529 स्त्री रोग
डा देवकी नंदन शर्मा 9458128798 बाल रोग
डा मनोज कुरील 9935173477 शलज्ञ
डा प्रेम प्रकाश गंगवार 9457605815 बाल रोग
डा संतोष कुमार 7500060439 चर्म रोग
डा जितेंद्र कुमार 9532102036 नेत्र रोग
डा शान्तुल गुप्ता9410082713 पंचकर्म
डा नितिन शर्मा 9557275726 मधुमेह
डा अनिल कुमार9415066685 हृदय रोग
डा उज्मा फात्मी 8273047868 गुद रोग विशेषज्ञ
डा अविनाश वर्मा 9690678976 रसायन वाजीकरण
डा पूर्णिमा राव 9454192438 बाल रोग
डा अजय कुमार, 7007705095 योग
डा दीपशिखा जोशी 9410404454 स्त्री रोग
डा रमेश कुमार गौतम 9450361310 बाल रोग
डा अतुल कुमार 9690356446 योग