बरेली के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को नहीं मिल पा रही शिक्षा, जानेंं बच्चों की पढ़ाई क्यों नहीं हो पा रही
कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूलों में ताले लटके हुए हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए आनलाइन शिक्षा को माध्यम बनाया गया है। लेकिन आनलाइन शिक्षा में इंटरनेट बच्चों की पढ़ाई में बाधा बन रहा है। गांवों के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूलों में ताले लटके हुए हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए आनलाइन शिक्षा को माध्यम बनाया गया है। लेकिन, आनलाइन शिक्षा में इंटरनेट बच्चों की पढ़ाई में बाधा बन रहा है। ग्रामीण परिवेश के बच्चों के पास इंटरनेट और टेलीविजन न होने की वजह से वे शिक्षा से वंचित रह जा रहे हैं।बीते वर्ष लगे लाकडाउन में आनलाइन शिक्षा विकल्प के रूप में बनकर उभरी, लेकिन आनलाइन शिक्षा सफल साबित न हो सकी। इसको देखते हुएउ फिर दूरदर्शन व ई गंगा चैनल के माध्यम से पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया गया।
ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न होने पाए। ग्रामीण परिवेश के अधिकांश बच्चों के घर में एक ही फोन है, ऐसे में अपने घर का भरण पोषण करने के लिए पिता सुबह ही निकल जाते हैं ,जिस वजह से बच्चों को पड़ोसियों के घर जाकर शिक्षा प्राप्त करनी पड़ती है। गांव डभोरा गंगापुर के प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका दीपमाला का कहना है कि अभी नेट व फोन की सुविधा न मिल पाने की वजह से अधिकांश बच्चें पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं, जबकि विभागीय अधिकारियों की मानें तो जिन बच्चों पर फोन व नेट की समस्या है, वह बच्चें दूरदर्शन, ई-ज्ञान गंगा के माध्यम शिक्षा ले रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीविजन का भी अभाव : खजुरिया ब्रह्मनान, डभोरा गंगापुर, आलमपुर जाफराबाद आदि गांव में अमूमन घरों में टेलीवजिन ही नहीं है। जिस वजह से बच्चों को टेलीविजन पर प्रसारित होने वाली कक्षाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। खजुरिया ब्रह्मनान निवासी मोरपाल ने बताया कि पिछले वर्ष भी संक्रमण के दौरान स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई थी। इस बार भी घर में टेलीविजन न होने के कारण बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी हो रही है।जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने बताया कि सरकार के साथ ही शिक्षा विभाग का यही प्रयास है कि किसी भी तरह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न होने पाए। जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं उनके लिए दूरदर्शन व ई-ज्ञान गंगा से पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया जा रहा है।