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Interview : युवा नेताओं के एजेंडे में विकास से पहले राजनीति... जानिए क्यों Bareilly News

सत्ता और विरोधी चारों प्रमुख दलों ने जिले में अपने नये सेनापति उतारे हैं। साल 2020 के आने से पहले यह इत्तेफाक है। सपा को छोड़ दें तो चारों जिलाध्यक्ष अपने दलों के पुराने चेहरे हैं

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 09:40 AM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 01:50 PM (IST)
Interview : युवा नेताओं के एजेंडे में विकास से पहले राजनीति... जानिए क्यों  Bareilly News
Interview : युवा नेताओं के एजेंडे में विकास से पहले राजनीति... जानिए क्यों Bareilly News

जेएनएन, बरेली : सत्ता और विरोधी चारों प्रमुख दलों ने जिले में अपने नये सेनापति उतारे हैं। साल 2020 के आने से पहले यह इत्तेफाक है। सपा को छोड़ दें तो चारों जिलाध्यक्ष अपने दलों के पुराने चेहरे हैं लेकिन उनके लिए जिम्मेदारी नई है। दलों के लिए सत्ता का रास्ता विकास से होकर जाता है। इस मुद्दे पर जब भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा जिलाध्यक्ष से बारी-बारी सवाल किया गया तो जवाब मिला, फिलहाल हमारा फोकस पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों पर है। चारों ही कहते हैं कि नई जिम्मेदारी को अच्छी तरह समझकर उस पर खरा उतरने की कोशिश में लगे हैं।

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कर रहे चुनौती से पार पाने की कोशिश

भारतीय जनता पार्टी के बरेली जिलाध्यक्ष पवन शर्मा का कहना है कि नई जिम्मेदारी पर खरा उतरने के प्रयास में संजीदगी से लगे हैं। पार्टी को ज्यादा समय दे रहे हैं। कार्यकर्ताओं से मिलकर समस्याएं जान रहे हैं और समाधान भी करा रहे हैं। जहां तक विकास का सवाल है तो हमारी पार्टी कर ही रही है। भाजपा विकास के बूते ही जन-जन की पहली पसंद बनी है। जहां तक विकास में हमारी भूमिका का सवाल है तो जहां जरूरत देखेंगे, वहां दखल देंगे। पार्टी के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर संगठन को मजबूत करने के लिए सभी को साथ लेकर चलेंगे।

कांग्रेस को शहर से गांव तक मजबूत करेंगे

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी का कहना है कि किसान का बेटा हूं, बड़ी जिम्मेदारी मिली है। जिनसे कुर्सी छिनी है, विरोध में उतरे हुए हैं। बदलाव के साथ यह सब चलता है। इस तरफ से ध्यान हटाकर पार्टी को पूरी तरह सक्रिय करने की रणनीति पर काम कर रहा हूं। फोकस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पार्टी को गांव-गांव तक मजबूत करने पर है। जहां तक विकास का सवाल है तो इसके लिए आवाज उठा सकते हैं। इसमें सफलता तभी मिलेगी, जब सूबे में कांग्रेस सरकार बनाएगी।

पूरी तरह से गुटबाजी खत्म करने का रहे प्रयास  

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष इं. अगम मौर्य कहते हैं कि पार्टी को गुटबाजी से नुकसान पहुंचा है। इस पर रोक के लिए सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश ईमानदारी से कर रहे हैं। वरिष्ठजनों के पास जाकर आशीर्वाद ले रहे हैं। जहां तक विकास का सवाल है तो फिलहाल किसानों, महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। विकास सपा की सत्ता में वापसी पर ही संभव है। पूर्व की सपा सरकारें इस बात का प्रमाण भी हैं।

भाजपा विधायकों की नहीं सुन रहे अधिकारी

बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष डॉ. जयपाल सिंह का कहना है कि पार्टी की नीतियों को जन-जन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। संगठन को हर एतबार से मजबूत करने पर फोकस है। इसके लिए कार्यकर्ताओं से स्वयं जाकर मिल रहे हैं। विकास के सवाल पर कहते हैं कि अकसर सुनने में आ रहा है कि प्रशासन विधायकों की नहीं सुन रहा है। ऐसे में फिलहाल विकास की बात करना ही बेमायने है। विकास बसपा के फिर से सत्ता में आने पर ही संभव होगा।


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