कुवैत में नौकरी के दिलाने के नाम पर ठगी करने के मामले में पुलिस ने तैयार की चार्जशीट
वारिस करीब दो वर्ष से कुवैत में नौकरी कर रहा था। उसकी वारिस अली से फोन पर बात होती थी तो वारिस अली ने बताया था कि तुम्हारे पास पासपोर्ट बना हुआ है। तुम डेन्टर का कार्य भी जानते हो। यहां 90 हजार महीने का वेतन मिलेगा।
बरेली, जेएनएन। कैंट के ठिरिया निजावत खां निवासी युवक को कुवैत में 90 हजार महीने की नौकरी का झांसा देकर दंपती ने युवक से पांच लाख ठग लिए थे। आरोपित उसे लेकर कुवैत गया। दो साल मजदूरी कराई फिर पीड़ित की सिविल आइडी लेकर लौट आया। इस दौरान बिना आइडी के कुवैत पुलिस ने उसे अवैध रूप से रहने के आरोप में पकड़ा और जेल भेजने के बाद उसे वापस भेज दिया। किसी तरह पीड़ित वापस घर आया। अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपित ने देने से मना कर दिया। परेशान पीड़ित ने एडीजी से शिकायत की तो डेढ़ महीने पहले पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले की तफ्तीश के बाद पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है।
ठिरिया निवासी सगीर खान ने बताया कि कस्बे के ही वारिस अली से अच्छी दोस्ती थी। वारिस करीब दो वर्ष से कुवैत में नौकरी कर रहा था। उसकी वारिस अली से फोन पर बात होती थी तो वारिस अली ने बताया था कि तुम्हारे पास पासपोर्ट बना हुआ है। तुम डेन्टर का कार्य भी जानते हो। यहां 90 हजार महीने का वेतन मिलेगा। लेकिन करीब पांच लाख रुपये लगेगा और में तुम्हे दो साल का वीजा भेज दूंगा और सिविल आइडी की व्यवस्था कर दूंगा। जिसके बाद उसने किसी तरह अप्रैल 2019 में 3.50 लाख का इंतजाम कर वारिस की पत्नी सबाना को रुपये दो वह मुझे भेज देगी। तीन महीने बाद वारिस अली ने दो माह का मजूदरी का वीजा भेजा जिससे वह आठ अगस्त 2019 को कुवैत पहुंच गया। वारिस अली वह मिला और 30 हजार मेडिकल और 50 हजार सिविल आइडी के लिए। लेकिन न सिविल आइडी दी और न डेन्टर का काम दिलाया। इस दौरान बिना सिविल आइडी के कुवैत पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर तीन महीने के लिए जेल भेज दिया। छूटने के बाद वापस भारत लौटा दिया। जीके बाद वह किसी तरह घर पहुंचा।