किसान सम्मान निधि घोटाले में पुलिस इस तरह से जोड रही कडिया, इनसे कर रही पूछताछ
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि फर्जीवाड़ा की जड़ तलाशने के लिए पुलिस पूरे प्रयास में जुटी है। क्राइम ब्रांच व एसओजी कृषि विभाग की भूमिका की पड़ताल कर रही है। जांच टीम ने सम्मान निधि के पटल प्रभारी अवर अभियंता ओमवीर सिंह व पटल लिपिक गौरव मिश्रा से पूछताछ की है।
शाहजहांपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि फर्जीवाड़ा की जड़ तलाशने के लिए पुलिस पूरे प्रयास में जुटी है। क्राइम ब्रांच व एसओजी कृषि विभाग की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है। इसके लिए जांच टीम ने सम्मान निधि के पटल प्रभारी अवर अभियंता ओमवीर सिंह तथा पटल लिपिक गौरव मिश्रा से पूछताछ की है। कलान, जैतीपुर, सिंधौली, कांट, मदनापुर जलालाबाद, खुदागंज आदि विकास खंडो के बीज गोदाम प्रभारियों को भी पुलिस ने रडार पर लिया है। जेल भेजे गए आरोपितों के मिले क्लू के आधार पर पुलिस छानबीन कर रही है। पुलिस ने बीज गोदाम प्रभारियों समेत कई कर्मचारियाें के माेबाइल भी सर्विलांस पर लगा दिए गए है। दरअसल 2015- 16 में हुए 63 लाख के बीज अनुदान घोटाला में बाबुओं के लिप्त पाए जाने के बाद से पुलिस सम्मान निधि में भी बाबुओं समेत कार्मिकों के तार तलाश रही है।
-मास्टरमाइंड हरीशंकर से जुड़े नेटवर्क ने भूमिहीन समेत पूरे परिवार को पहुंचाया लाभ
जैतीपुर क्षेत्र की तरह सिंधौली ब्लाक के कई गांवों में भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का अपात्रों व भूमिहीनों को लाभ दिया। क्षेत्र के गांव शेखूपुर निवासी मास्टरमाइंड के तार क्षेत्र के कद्दावर से भी जुड़े है। नतीजतन यहां भी संगठित गिरोह की तर्ज पर अपत्रों को लाभ पहुंचाया गया। पुलिस ने पीएम किसान सम्मान निधि फर्जीवाड़ा में जिस कथित मास्टरमाइंड हरीशंकर को जेल भेजा है वह शेखुपुर निवासी है। उसका रैकेट पूरे जिले में काम करता है। चेना रुरिया, पसिगनपुर, पैगापुर, दुल्हापुर, शेखूपुर समेत कई गांवों के दर्जनों अपात्र सम्मान निधि का लाभ ले रहे है। मास्टरमाइंड का एक और शातिर साथी है पुलिस के रडार पर है।
भारत कोष में जमा कर रहे पैसा अवैध रूप से सम्मान निधि लेने वाले लोग भारत कोष खाते में पैसा जमा करने लगे है। लेकिन कार्रवाई के डर में अभी किसी ने उप कृषि निदेशक कार्यालय में रसीद प्रस्तुत नहीं की। अभी करीब छह लोगों ने ही पैसा जमा किया है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अभी जांच चल रही है। कई लोगों से पूछताछ भी की गई है। इनमें विभागीय कर्मचारी भी शामिल है। जेल भेजे गए पांच आरोपितों के अलावा अभी अन्य किसी के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले है। एस आनंद, पुलिस अधीक्षक