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PM Kisan Samman Nidhi Scam Update : सरगना तक पहुंचने के लिए शुरु की हाइटेक जांच, गिरोह में 50 से अधिक सदस्य

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि घोटालेबाजों की संख्या पांच नहीं पचास से ज्यादा हो सकती है। पुलिस भी यही मानकर जांच में जुटी है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 09:53 AM (IST)
PM Kisan Samman Nidhi Scam Update : सरगना तक पहुंचने के लिए शुरु की हाइटेक जांच, गिरोह में 50 से अधिक सदस्य
PM Kisan Samman Nidhi Scam Update : सरगना तक पहुंचने के लिए शुरु की हाइटेक जांच, गिरोह में 50 से अधिक सदस्य

शाहजहांपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि घोटालेबाजों की संख्या पांच नहीं, पचास से ज्यादा हो सकती है। पुलिस भी यही मानकर जांच में जुटी है। जेल भेजे गए आरोपितों से बरामद लैपटॉप, सीपीयू, मोबाइल, फिंगर प्रिंट डिवाइस की जांच से पुलिस मुख्य सरगना तक पहुंचने को प्रयासरत है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि साक्ष्य मिलते ही अन्य आरोपित भी जल्द गिरफ्त मे होंगे। दरअसल पुलिस ने जिन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है वे किसी के इशारे पर काम करते थे। पुलिस भी यही मान रही है।

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जनसेवा केंद्र संचालकों बिना किसी सरंक्षण के बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा को अंजाम नहीं दे सकते। लार्भाथियों के घर जाकर आधार एटीएम डिवाइस पर उनका अंगूठा लगवाकर पैसा हड़प लेना भी हर किसी के बस की बात नहीं। जबकि गांवों में भी लोगों के पास स्मार्ट फोन है। वह वीडियो बनाकर भी वायरल कर सकते थे। फर्जीवाड़ा को देख पुलिस को भी बुला सकते थे। लेकिन किसी भी भी फर्जीवाडा की शिकायत की हिम्मत न जुटाई। जबकि जैतीपुर, डभौरा के पास फर्जीवाड़ा का खुला खेल होता रहा।

माफिया के डर में की गोपनीय शिकायतजिस पंचायत प्रतिनधि ने मामले की शिकायत की, उसे प्रशासन ने गोपनीय रखा है। शिकायतकर्ता भी डरा हुआ है। दरअसल रैकेट का मुख्य सरगना एक दशक से सरकारी योजनाओं में सेंधमारी के गोरखधंधे से जुड़ा है। प्रोबेशन और समाज कल्याण में फर्जी पेंशन मामले में भी यह गिरोह सक्रिय रहा। धान व गेहूं खरीद में भी फर्जी खातों में धनराशि भेजने का खेल चला। लेकिन पुलिस ने पहली बार प्राथमिक कड़ी के खिलाफ कार्रवाई कर मुख्य सरगना का मनोबल टूटा है। पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की जांच अभी बंद नहीं हुई है। मुख्य सरगना तथा फर्जीवाड़ा में शामिल अन्य लोगां तक पहुंचने के लिए लैपटॉप, मोबाइल समेत बरामद सामान की जांच की जा रही है। साक्ष्य मिलते ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। कोई भी आरोपित बचेगा नहीं।

हजारों को ठग चुके दोनों जनसेवा केंद्र संचालकपुलिस ने पीएम किसान सम्मान निधि के फर्जीवाड़ा में जिन कथित जनसेवा केंद्र संचालक विपिन और अनिल को पकड़ा है वे हजारों लोगों को ठग चुके है। रैकेट के मुख्य सरगना के संरक्षण में यह किसानों के पंजीयन के बाद आधार माइक्रो एटीएम साथ लेकर किसानों के घर जाकर उनके अंगूठे की छाप लेकर पैसा हड़प लेते थे। जनसेवा केंद्र संचालक लाभार्थी से 200 से 500 रुपये पंजीयन व फीडिंग के लेते थे। दो हजार की पहली किस्त लेने पर उन्हें माफिया से कमीशन मिलता था।

प्रदेश से बाहर तक रैकेट के तार, सीबीआइ जांच पर निकलेगा सार सरकारी योजनाओ में सेंधमारी के रैकेट के तार झारखंड, मंध्यप्रदेश तक जुड़े बताए जाते है। प्रधान संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विपिन मिश्रा ने रैकेट के इसी प्रभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री से सीबीआइ जांच की मांग की है। हरदोई जनपद से शाहजहांपुर के किसानों को लाभ दिलाना में भी रैकेट के कारिंदों का ही हाथ बताया जा रहा है। लेकिन शाहजहांपुर जिला प्रशासन की तरह हरदोई प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की। इस कारण हरदोई में पीएम किसान सम्मान निधि घोटाले का खुलासा नहीं हो सका। प्रधान संगठन का दावा है कि यदि मामले की सीबीआइ जांच हो तो उत्तर प्रदेश के साथ पड़ोसी जिलो में हजारों करोड़ का पीएम किसान सम्मान निधि का घोटाला सामने आएगा।

प्रशासन के रडार पर जिले के जनसेवा केंद्र पीएम किसान सम्मान निधि में कुछ जनसेवा केंद्रों की संलिप्तता के बाद प्रशासन ने जनपद में संचालित 1200 कामन सर्विस सेंटर व एक हजार जनसेवा केंदों को रडार पर ले लिया है। डीएम नेसें जिला प्रबंधक को जनसेवा केंद्र संचालकों के क्रिया कलापों पर नजर रखने के निर्देश दिए है। डीएम ने आगाह किया है कि यदि पीएम किसान सम्मान निधि समेत किसी भी सरकारी योजना में गड़बड़ी हुई तो जनसेवा केंद्र संचालकों को खिलाफ कार्रवाई के साथ केंद्र भी निरस्त कर दिया जाएगा।

पीएम किसान सम्मान निधि मामले में पुलिस ने पारदर्शी खुलासा किया है। फर्जीवाड़ा के सभी गुनाहगार प्रशासन के रडार पर है। किसी भी बख्शा नही जाएगा। पुख्ता सबूत के साथ कार्रवाई होगी। जनपद में कोई भी माफिया कार्रवाई से नहीं बचेगा। इंद्र विक्रम सिंह, जिलाधिकारी


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