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PM Kisan Samman Nidhi Scam : मास्टरमाइंड बेचता था पांच हजार रुपए प्रतिघंटा के हिसाब से पासवर्ड

प्रधानमंत्री किसान सम्मान घोटाला सेवा प्रदाता कंपनी के कंप्यूटर आपरेटर तथा जनसेवा केंद्र संचालकों की मुख्य भूमिका रही।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 09:47 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 09:47 AM (IST)
PM Kisan Samman Nidhi Scam : मास्टरमाइंड बेचता था पांच हजार रुपए प्रतिघंटा के हिसाब से पासवर्ड
PM Kisan Samman Nidhi Scam : मास्टरमाइंड बेचता था पांच हजार रुपए प्रतिघंटा के हिसाब से पासवर्ड

हजहांपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री किसान सम्मान घोटाला सेवा प्रदाता कंपनी के कंप्यूटर आपरेटर तथा जनसेवा केंद्र संचालकों की मुख्य भूमिका रही। उन्होंने पासवर्ड चुराने के बाद साठगाठ से प्रति घंटा पांच हजार की दर से बिक्री शुरू कर दी। इसकी शुरुआत हुई कलान से। यहां सेवा प्रदाता कंपनी भार्गव एंड भार्गव में तैनात रहे शहर के एमनजई निवासी मोहित ने पासवर्ड चुराने के बाद डीपीआरओ कार्यालय में तैनात रहे कृषि विभाग के आउट सोर्सिग कर्मचारी मास्टरमाइंड हरी शंकर से साझा किया।

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हरी शंकर ने जनसेवा केंद्र संचालकों की मदद से भूमिहीनों के आधार व बैंक खाता फीड कर उन्हें लाभ दिलाना शुरू कर दिया। जब तक मामले की भनक अधिकारियों तक पहुंची, जैतीपुर, कटरा, जलालाबाद, कलान, कांट, मदनापुर समेत जिले के हजारों भूमिहीन व बच्चे योजना के लाभार्थी बना दिए गए। जागरण ने मामले को अभियान बनाकर छापा। इससे माफिया में खलबली मच गई। कृषि विभाग को भी मुकदमा दर्ज कराककर कार्रवाई को मजबूर होना पड़ा।

ग्राम प्रधान की सूजबूझ से हुआ खुलासा

जनपद के एक प्रधान की सूझबूझ से मामले का खुलासा हुआ। दरअसल तिलहर तहसील के गांव अमरेड़ी, टाटराबाद, पीरी, डभौरा, सिमरा खेड़ा समेत करीब चार दर्जन गांवों में जनसेवा केंद्र संचालकों की मदद से भूमिहीन व बच्चों को किसान सम्मान निधि का लाभ दे दिया गया। सदर तहसील के बबौरा इलाका मरेना समेत जलालाबाद के दर्जन भर किसान हरदोई जिले से लाभ पा गए। फरवरी में तहसील दिवस के दौरान प्रशासन से भी इस बावत शिकायत की गई। अगस्त माह में आधार कार्ड फीडिंग अभियान चला। इसी दौरान जागरुक प्रधान ने कृषि अधिकारियों से शिकायत की। इसके बाद मामला डीएम के संज्ञान में लाया गया।

दो साल में 417.48 करोड़ का बांटी सम्मान निधि

किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से उपकृत करने का शासनादेश पांच फरवरी 2019 को आया था। जिसमें किसानों को एक दिसंबर 2018 से सम्मान निधि दिए जाने को कहा गया। प्रशासन ने 2018 में अभियान चलाकर किसानों की डाटा फीडिंग कराई। हरी शंकर समेत कई अन्य कंप्यूटर आपरेटर व्यवस्था से जुड़ गए। पहली किस्त के रूप में जनपद के चार लाख 31 हजार 698 किसानों को दो हजार रूपये की किस्त भेजी गई। इसके बाद 3 लाख 91 हजार 487 किसानों को 74 करोड़ा 25 लाख 86 हजार 381296 किसानों को तीसरी किस्त के रूप में 76 करोड़ 25 लाख 92 हजार।

चौथी किस्त के रूप में 3 लाख 37 हजार 997 किसानों को 67 करोड़ 59 लाख 94 हजार, पांचवी किस्त के रूप में 3 लाख 16 हजार 381 किसानों केा 63 करोड़ 27 हजाख 62 हजार की धनराशि भेजी गई। गत माह छठी किस्त के रूप में 2 लाख 28 हजार 524 किसानों को 45 करोड़ 70 लाख 48 हजार की धनराशि भेजी गई है। फैक्ट फाइल - 4.09 लाख किसान है जिले में - 3.19 लाख लघु व सीमांत कृषक- 5.23 लाख किसानों का डाटा हुआ था लॉक्ड- 4.06 लाख हेक्टेयर में होती है खेती - 417 करोड़ 47 लाख 74 हजार की बांटी जा चुकी सम्मान राशि- 200 भूमिहीनों को जांच में सम्मान निधि का किया गया दावा - 


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