PM Awas Yojana : बरेली के कई प्रधानों पर लटक रही तलवार, जानिए क्या है वजह
Pradhan Mantri Awas Yojana Rural प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के पात्र लाभार्थियों को अपात्र करने व सूची से नाम हटाने का खेल होने की शिकायत संपूर्ण समाधान दिवस पर सामने आई। जिस पर नए प्रधानाें का खेल सामने आया है।
बरेली, जेएनएन। Pradhan Mantri Awas Yojana Rural : प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के पात्र लाभार्थियों को अपात्र करने व सूची से नाम हटाने का खेल होने की शिकायत संपूर्ण समाधान दिवस पर सामने आई। कुछ लोगों के नाम किस्त की मांग किए जाने के बाद भी सूची से हटाने का मामला सामने आने पर जांच शुरू हुई तो पता चला कि नए प्रधानों ने अपने हिसाब से पात्र व अपात्र की सूची बनाई है।
दरअसल, पीएम आवास योजना का जरूरतमंदों को लाभ मिल सके इसके लिए आवास प्लस एप पर आवेदन पत्र आमंत्रित कर सूची तैयार कराई गई थी। वर्ष 2020-21 में आवास प्लस एप की सूची के अनुसार लाभार्थियों के आवास बाने का लक्ष्य ग्राम पंचायतों को आवंटित हुआ। पंचायत चुनाव के चलते आवास निर्माण कार्य कुछ महीने पहले तक बाधित रहा। इसके बाद नई ग्राम पंचायतों का गठन हुआ तो अधिकतर ग्राम पंचायतों में नए प्रधानों ने जिम्मेदारी संभाली।
ऐसे में फिर नए प्रधानों ने अपने हिसाब से लाभार्थियों की सूची को बदलने का प्रयास शुरू किया और लाभार्थियों को अपात्र बताकर सूची से बाहर कर दिया। आरोप है कि प्रधान और सचिव की मिलीभगत से पात्रों को सूची से बाहर कर प्रधान अपनों के नाम शामिल करने के प्रयास में जुटे हैं। विभाग में ऐसे कई मामले हैं। जिनकी शिकायतें लेकर फरियादी चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
इस तरह चल रहा खेल
विकासखंड बिथरी चैनपुर निवासी सावित्री को 2020-21 में पीएम आवास के तहत क्रम संख्या एक पर आवास आंवटित हुआ था, जबकि अन्य सूची में भी 16वें स्थान पर नाम अंकित था। आरोप है कि प्रधान के कहने पर सचिव ने किसी दूसरे व्यक्ति के मकान का फोटो लगाकर उस अपात्र कर दिया और सूची से नाम भी गायब करा दिया। इसी तरह रजपुरा माफी की राजवती का आवास पिछले साल ही आ गया था। सूची में नाम होने के साथ ही सभी साक्ष्य हैं। लेकिन, उनकी समस्या का अब तक कोई समाधान नहीं हो सका है।
इस तरह की शिकायतें संज्ञान में आई हैं। जिसकी जांच कराकर प्रधान और सचिव के खिलाफ कार्रवाई भी कराई गई। हर जरूरतमंद को लाभ मिल सके यह हमारी प्राथमिकता है।- तेजेंद्र सिंह, जिला परियोजना अधिकारी