Private Hospital News : बरेली के गली-मुहल्लों में हाे रहा जान से खिलवाड़, मानक काे ताक पर रख कर चल रहे अस्पताल
Private Hospital News समय दोपहर करीब डेढ़ बजे का रहा होगा। रिमझिम बारिश के बीच जागरण की टीम बिहारीपुर ढाल की ओर निकली। मुख्य रोड पर ही कुछ दूर जैन नर्सिंग होम नजर आया। नर्सिंग होम के बाहर इतनी जगह नहीं थी कि बाइक खड़ी हो सके।
बरेली, जेएनएन। Private Hospital News: समय दोपहर करीब डेढ़ बजे का रहा होगा। रिमझिम बारिश के बीच जागरण की टीम बिहारीपुर ढाल की ओर निकली। मुख्य रोड पर ही कुछ दूर एक नर्सिंग होम नजर आया। नर्सिंग होम के बाहर इतनी जगह नहीं थी कि बाइक खड़ी हो सके। वहां अंदर पहुंचे तो छोटे-छोटे कमरों में नर्सिंग होम चलता मिला। टूटा बेड सामने ही पड़ा था। दो महिलाएं वहां अपनी बारी के इंतजार में खड़ी थी। अंदर आग बुझाने जैसे कोई उपकरण लगे नहीं दिखाई दिए। बोर्ड पर एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और पैथोलाजी जांचों के बारे में लिखा था। अंदर रिशेप्शन पर पूछा। डाक्टर नहीं थे। स्टाफ ने डाक्टर से बात नहीं करने दी।
गली-मुहल्लों में तमाम मानकों की अनदेखी करने वाले अस्पताल, नर्सिंग होम व क्लीनिक की हकीकत देखने के लिए मंगलवार को जागरण की टीम ने शहर में पड़ताल की। तमाम जगह मानकों को दरकिनार कर अस्पताल, नर्सिंग होम व क्लीनिक चलते मिले। बिहारीपुर ढाल पर ही एक क्लीनिक पर फिजीशियन एंड सर्जन लिखा मिला। क्लीनिक बंद थी, लेकिन बाहर बैठे शर्माा जी ने बताया कि क्लीनिक का सारा कूड़ा सामान्य कूड़े में ही फेंका जाता है। वहां से निकल कर टीम मलूकपुर क्षेत्र में पहुंची। वहां एक जगह तंग गली में क्लीनिक चलता मिला। यह सड़क से नीचा और बंद कमरों में चल रहा था। बाहर मेडिकल भी था, जिस पर बैठे शख्स ने निकलकर पूछ ही लिया। क्या सर्वे करने आए हो। बताया, क्लीनिक चलाते हैं। वहां फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं दिखे और न ही बायो मेडिकल वेस्ट का सही रखरखाव पाया गया। मेडिकल संचालक ने बताया कि डाक्टर नहीं हैं।
फिर टीम ने अगला मुहल्ला बानखाना चुना। वहां एक मकान में क्लीनिक चलता मिला। क्लीनिक के बाहर बोर्ड पर बकायदा चार डाक्टरों के पैनल का नाम लिखा था। इसके साथ ही पैथोलाजी समेत अन्य जांचों के बारे में भी लिखा था। क्लीनिक रोड पर होने के कारण वहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं मिली। कुछ कमरों में चल रहे क्लीनिक में आग बुझाने के भी इंतजाम नहीं थे। बायो मेडिकल वेस्ट भी अलग नहीं उठाया जा रहा था। अस्पताल संचालक ने बताया कि रजिस्ट्रेशन है, लेकिन नवीनीकरण कराना रह गया है। जल्द कराया जाएगा। बाकी सभी एनओसी हमारे पास हैं।
इसके बाद टीम ने मिनी बाइपास स्थित अस्पताल को देखा। अस्पताल तो तीन मंजिला बना है, लेकिन पार्किंग की व्यवस्था वहां नहीं थी। यहां तक की नाले के ऊपर ही आक्सीजन प्लांट लगाकर सिलिंडर रखे हुए थे। अस्पताल संचालक ने बताया कि अस्पताल विभाग में पंजीकृत है। फायर की एनओसी है और मेडिकल वेस्ट निस्तारण वाली संस्था से अनुबंध है।