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Pilibhit Tiger Reserve : जानिए क्यों लगाए जा रहे उत्तराखंड बार्डर पर ट्रेस कैमरे

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल से बाहर अमरिया क्षेत्र में वास कर रहे बाघों की गतिविधियों का अध्ययन करने के लिए ट्रेस कैमरे लगने शुरू हो गए हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 11:50 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 11:50 PM (IST)
Pilibhit Tiger Reserve :  जानिए क्यों लगाए जा रहे उत्तराखंड बार्डर पर ट्रेस कैमरे
Pilibhit Tiger Reserve : जानिए क्यों लगाए जा रहे उत्तराखंड बार्डर पर ट्रेस कैमरे

पीलीभीत, जेएनएन। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल से बाहर अमरिया क्षेत्र में वास कर रहे बाघों की गतिविधियों का अध्ययन करने के लिए ट्रेस कैमरे लगने शुरू हो गए हैं। यह इलाका पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की सीमा के निकट है। इसी क्षेत्र में बाघों व तेंदुओं की ज्यादा सक्रियता रहती है। विश्व प्रकृति निधि की ओर से सौ कैमरे लगाए जा रहे हैं। पीटीआर, सामाजिक वानिकी, भारतीय वन्यजीव संस्थान एवं विश्व प्रकृृति निधि के विशेषज्ञ संयुक्त रूप से इन कैमरे के सहारे बाघ, तेंदुआ की गतिविधियों का अध्ययन करेंगे।

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पीलीभीत टाइगर रिजर्व का जंगल उत्तराखंड के सुरई रेंज के जंगल से बिल्कुल सटा हुआ है। करीब एक दशक पहले सुरई रेंज से जंगल से अपने तीन शावकों के साथ आई बाघिन ने अमरिया तहसील क्षेत्र में देवहा नदी की तलहटी में अपना ठिकाना बना लिया था। बाद में बाघिन तो चली गई लेकिन शावक बड़े होकर इसी इलाके में रहने लगे। उसी का कुनबा बढ़ता गया। वर्तमान में लगभग 11-12 बाघ इस इलाके में हैं। इन बाघों की सुरक्षा के लिए शिफ्टिंग का विचार कई बार किया गया लेकिन कोई ठोस योजना अब तक नहीं बनी।

पिछले दिनों राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के डीआइजी ने यहां आकर पीटीआर के जंगल के साथ ही अमरिया क्षेत्र के उस इलाके में भी भ्रमण किया, जहां बाघों की गतिविधियां रहती हैं। उसी दौरान शिफ्टिंग के लिहाज से पहले इन बाघों के बारे में व्यापक अध्ययन करने की योजना बनी। उसी के तहत विश्व प्रकृति निधि पूरे इलाके में सौ ट्रैप कैमरे लगा रही है। इन कैमरों में बाघों की जो गतिविधियां कैद होंगी, उनका अध्ययन किया जाएगा। अध्ययन में पीटीआर, सामाजिक वानिकी वन्यजीव प्रभाग, विश्व प्रकृति निधि एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के विशेषज्ञ शामिल रहेंगे।

इसी इलाके में घूम रहा तेंदुआ

जंगल से निकला तेंदुआ भी इसी इलाके में घूम रहा है। तेंदुआ की गतिविधियों को लेकर क्षेत्र के लोग काफी परेशान हैं। पिछले दिनों तेंदुआ ने घर में घुसकर एक महिला पर हमला कर दिया था, जिससे वह घायल हो गई थी। तेंदुआ कई लोगों के घरों में घुसकर पालतू पशुओं का शिकार कर चुुका है।

विश्व प्रकृति निधि की ओर से कैमरे लगाने का कार्य किया जा रहा है। इससे बाघों की सुरक्षा के साथ ही उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सकेगी। बाघों की गतिविधियों का विश्लेषण किया जाएगा। इससे यहां रहने वाले बाघों की वास्तविक संख्या भी पता चल सकेगी। यहां के बाघों की शिफ्टिंग की अभी कोई योजना नहीं है लेकिन आने वाले समय में इस पर काम होने की संभावना है। संजीव कुमार, डीएफओ, सामाजिक वानिकी वन्यजीव प्रभाग


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