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Pilibhit Tiger Reserve : पीलीभीत के इस गांव में टाइगर से ज्यादा तेंदुए से खतरा

Pilibhit Tiger Reserve अमरिया क्षेत्र में पिछले काफी लंबे समय से बाघों का कुनबा फल-फूल रहा है। बाघों के रहते यहां कभी मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति नहीं आई।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 05:26 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 05:26 PM (IST)
Pilibhit Tiger Reserve : पीलीभीत के इस गांव में टाइगर से ज्यादा तेंदुए से खतरा
Pilibhit Tiger Reserve : पीलीभीत के इस गांव में टाइगर से ज्यादा तेंदुए से खतरा

पीलीभीत, जेएनएन। Pilibhit Tiger Reserve : अमरिया क्षेत्र में पिछले काफी लंबे समय से बाघों का कुनबा फल-फूल रहा है। बाघों के रहते यहां कभी मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति नहीं आई लेकिन कुछ समय से एक तेंदुआ जंगल से निकलकर इलाके में विचरण कर रहा है। तेंदुआ फार्म हाउसों से महंगी प्रजाति के पालतू कुत्तों को अपना शिकार बना रहा है। किसानों में इसी को लेकर ज्यादा खतरा महसूस किया जा रहा है। बाघों से उन्हें कोई समस्या नहीं है।

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पीलीभीत टाइगर रिजर्व के मुख्यालय पर फील्ड डायरेक्टर डॉ. एच. राजामोहन के नेतृत्व में विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र के किसानों के साथ बैठक की। किसानों के तरफ से किसानों की बात रखने वाले परमवीर सिंह पैरी ने पांच बिंदुओं पर वन अधिकारियों के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 12 टाइगर विचरण कर रहे हैं। अगले कुछ साल बाद 30 हो जाएंगे तो विभाग के पास इन्हें दूसरी जगह ट्रांसफर करने के लिए क्या योजना है। दूसरा सवाल किया जब कोई टाइगर या तेंदुआ पालतू पशु को अपना शिकार बनाता है तो किसान को पशु का मुआवजा जल्द क्यों नहीं मिल पाता।

उन्होंने बंदरों के आतंक से किसानों की परेशानी की समस्या भी रखी। क्षेत्र में विचरण कर रहे तेंदुआ से कब निजात मिलेगी। उसे पकड़ने के लिए विभाग के पास क्या रणनीति है। प्रशांत शुक्ला ने कहा कि इस क्षेत्र में जंगल विकसित हो चुका है। फार्म पर जो किसान बाहर की ओर सोते हैं, वहां रोशनी के लिए सोलर लाइट लगवाई जाए। वन्यजीवों की गतिविधियों की निगरानी के लिए लगे कैमरों के बारे में जानकारी चाही गई। कुछ पिंजरे और कैमरे किसानों की मर्जी से भी लगना चाहिए।

इस पर फील्ड डायरेक्टर डॉ. एच राजा मोहन ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मंगलवार के बाद से तेंदुआ व बंदरों को पकड़ने के लिए काम शुरू किया जाएगा। इसमें दो पिंजरे देवहा नदी के पश्चिम दिशा में और दो पिंजरे नदी पर लगवा दिए जाएंगे। कुछ फार्म पर सोलर लाइट लगाने का प्रस्ताव भी पीटीआर संबंधित अधिकारी को भेजेगा। उन्होंने कहा कि टाइगर पकड़ने की प्रक्रिया में केंद्र सरकार से अनुमति लेना पड़ती है। प्रक्रिया काफी लंबी है, पर कभी ना कभी यह प्रक्रिया जरूर पूरी की जाएगी।

विचरण कर रहे वन जीवन पर वन एवं वन्य जीव प्रभाग में आए नए एसडीओ हेमंत कुमार सेठ एक टीम गठित कर विशेष निगाह रखेंगे।बैठक में लक्ष्यपाल सिंह, सुरजीत सिंह ढिल्लन उडरा फार्म,बलराज सिंह ग्राम विशनपुर, पूर्व प्रधान बिरहनी हरदासपुर,पी टीआर के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल, वन एवं वन्य जीव प्रभाग से डीएफओ संजीव कुमार, पूरनपुर एसडीओ प्रवीण खरे, रेंजर सत्येंद्र चौधरी, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ से वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार आदि मौजूद रहे। 


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