शारदा नदी में समाई फसलों का मुआवजा देने की शुरू की कवायद, तहसील प्रशासन ने पूरा किया जमीनों का सर्वे
Pilibhit Sharda River पीलीभीत में कुछ दिन पूर्व माधोटांडा क्षेत्र में शारदा नदी ने तबाही मचाई थी। किसानों कि कई एकड़ फसलों को नदी ने अपनी आगोश में ले लिया था। कई घर भी नदी में समा गए थे। ग्रामीणों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर जाकर रहना पड़ा।
बरेली, जेएनएन। Pilibhit Sharda River : पीलीभीत में कुछ दिन पूर्व माधोटांडा क्षेत्र में शारदा नदी ने तबाही मचाई थी। किसानों कि कई एकड़ फसलों को नदी ने अपनी आगोश में ले लिया था। कई घर भी नदी में समा गए थे। ग्रामीणों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर जाकर रहना पड़ा। अब प्रशासन द्वारा नदी में समाई जमीनों का आकलन करके फसलों का मुआवजा देने का की कवायद शुरू कर दी गई है। जिसके लिए तहसील प्रशासन की ओर से किसानों की जमीनों का सर्वे भी कर लिया गया है।
बनबसा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद माधोटांडा क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व शारदा नदी काफी उफान पर आ गई थी। नदी द्वारा किनारे पर खड़ी फसलों को भी बर्बाद कर दिया गया और कई एकड़ भूमि को समा लिया। कई घर भी नदी में समा गए, कुछ घरों में पानी भर गया। ऐसे लोगों ने अन्य सुरक्षित स्थानों पर जाकर शरण ली। प्रशासन द्वारा नदी में समा गई फसलों वाली भूमि का सर्वे कर लिया गया है।
जल्द ही किसानों की भूमि को चिन्हित करके मुआवजा देने का कार्य किया जाएगा। नलडेंगा, नगरिया खुर्द कला व रमनगरा क्षेत्र में किसानों की धान व गन्ने की कई एकड़ फसलों को नदी में अपनी आगोश में ले लिया था। ऐसे किसानों को चिन्हित कर जल्द ही प्रशासन द्वारा मुआवजा दिया जाएगा। तहसीलदार संजय यादव ने बताया कि सर्वे करा लिया गया है। जल्द ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
हर वर्ष यहां पर शारदा नदी द्वारा तबाही मचाई जाती है जिसमें हमारी फसलें नदी में समा जाती है। अब प्रशासन को जल्द ही मुआवजा देना चाहिए।-चित्तो मंडल।
सरकार द्वारा हम लोगों को जमीन का पट्टा कराया गया था। जिस पर हम लोग खेती करके अपना पेट पालते हैं। अब नदी में फसल समाने के बाद कैसे पेट भरे।- रतन सिंह।
जमीनों का सर्वे तो कर लिया गया है लेकिन अब मुआवजा मिल जाए तभी कुछ भला हो सकता है। प्रशासन को जल्द मुआवजा देना चाहिए।- विकास विश्वास।
फसलों में भारी लागत के बाद खड़ी फसलें नदी में समा गई इससे काफी नुकसान हुआ है अब प्रशासन द्वारा मुआवजे का इंतजार है।- मंगल सिंह।