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तराई के जिले पीलीभीत को अभी तीन दिन और झेलनी पड़ेगी ठिठुरन, नहीं मिल पाएगी शीतलहर से राहत

पिछले सप्‍ताह बारिश के चलते ठंड बढ़ी़ थी। तब से ठिठुरन कम नहीं हो रही है। शीतलहर और कोरोना के प्रभाव को देखते हुए ही सरकार ने स्‍कूलों में छुट्टियां घोषित कर रखी हैं। कोहरे के चलते ट्रेनें भी देरी से चल रही हैं।

By Vivek BajpaiEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 01:15 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 01:15 PM (IST)
तराई के जिले पीलीभीत को अभी तीन दिन और झेलनी पड़ेगी ठिठुरन, नहीं मिल पाएगी शीतलहर से राहत
कोहरे के चलते ट्रेनें भी देरी से चल रही हैं।

बरेली, जेएनएन। तराई के जिले पीलीभीत में अभी अगले तीन दिन तक लोगों को शीतलहर से कोई राहत नहीं मिलेगी। पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के पहाड़ों पर बर्फबारी और बारिश से यहां लगातार ठंड का प्रकोप बना हुआ है। इससे जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है। लोग अलाव व हीटर का सहारा लेते दिखाई पड़ रहे हैं। पिछले सप्‍ताह बारिश के चलते ठंड बढ़ी़ थी। तब से ठिठुरन कम नहीं हो रही है। शीतलहर और कोरोना के प्रभाव को देखते हुए ही सरकार ने स्‍कूलों में छुट्टियां घोषित कर रखी हैं। कोहरे के चलते ट्रेनें भी देरी से चल रही हैं। इससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। अनुमान है कि 31 जनवरी के बाद मौसम में सुधार होगा।   

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गुरुवार को सुबह भी आसमान पर बादल और वातावरण में कोहरा छाया रहा। धूप नहीं निकलने की वजह से पूरा जिला जबर्दस्त रूप से शीतलहर की चपेट मेें है। शहर में अनेेक स्थानों पर लोग आग जलाकर तापते हुए ठंड से राहत पाने की कोशिश में दिखे। राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी डा. शैलेंद्र सिंह ढाका ने पंतनगर स्थित कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के हवाले से जानकारी दी कि बुधवार की रात जिले का न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री रिकार्ड किया गया। उन्होंने बताया कि आसमान पर बादल और वातावरण में कोहरा छाया रहने की वजह से दिन में धूप निकलने की संभावना कम ही है। डा. ढाका के मुताबिक तराई के जिले में अभी कम से कम अगले तीन दिन तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहने की संभावना है। बादल और कोहरा रहेगा लेकिन बारिश होने की संभावना नहीं है।


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