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बरेली के बाकरगंज में सालों से पड़ा कूड़ेे का ढेर अब हटेगा, शासन से प्लांट लगाने को मिली मंजूरी

बाकरगंज खंड में वर्षों से पड़े कूड़े के ढेर से जल्द शहर को छुटकारा मिलेगा। इस कूड़े को निस्तारित करने के लिए प्लांट लगाने की मंजूरी शासन ने दे दी है। लखनऊ में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की बैठक में ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण प्लांट की डीपीआर को मंजूरी दी गई।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 06:19 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 06:19 AM (IST)
लखनऊ में उच्चाधिकार समिति की बैठक में हुआ फैसला, 72 बड़े शहरों को पुराना कचरा हटाने के लिए मिलेगी धनराशि।

बरेली, जेएनएन। बाकरगंज खंड में वर्षों से पड़े कूड़े के ढेर से जल्द शहर को छुटकारा मिलेगा। इस कूड़े को निस्तारित करने के लिए प्लांट लगाने की मंजूरी शासन ने दे दी है। बुधवार को लखनऊ में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति की बैठक में ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण प्लांट की डीपीआर को मंजूरी दे दी गई।मुख्य सचिव आरके तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 20 नगरीय निकायों के लिए ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण प्लांट निर्माण की डीपीआर मंजूर की गई। कुछ समय पहले नगर निगम ने बाकरगंज में वर्षों से पड़े कूड़े के ढेर को हटाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया था। बीते दिनों प्रस्ताव शासन को भेज गया। बता दें कि शहर का सबसे पुराना एकमात्र ट्रेंचिंग ग्राउंड बाकरगंज में है। यहां पिछले करीब 40 सालों से शहर का कूड़ा पड़ता चला आ रहा है।

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मुख्य सचिव आरके तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल 37 नगरीय निकायों के लिए ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण प्लांट निर्माण के प्रस्ताव रखे गए थे। लेकिन 20 नगरीय निकायों की ही डीपीआर मंजूर की गई। शेष 17 नगरीय निकायों में भूमि उपलब्ध न होने के कारण प्रस्ताव पास नहीं हुए। इन नगरीय निकायों के जिलाधिकारियों को शीघ्र भूमि उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिन नगरीय निकायों की डीपीआर मंजूर की गई उनमें पडरौना, खुर्जा, सिकंदराबाद, नगीना, गंगाघाट, बरेली, कुशीनगर, हाथरस, एटा, उन्नाव, कैराना, लखीमपुर, फर्रुखाबाद, शामली, देवरिया, खोड़ा मकनपुर, हरदोई, पीलीभीत, भदोही एवं ललितपुर शामिल हैं।

प्रदेश के 72 बड़े निकायों में अनुमानित 84 लाख टन लिगेसी वेस्ट (वर्षों से जमा कचरा) के निस्तारण के लिए विस्तृत डीपीआर कार्यदायी संस्थाओं से तैयार कराकर संबंधित निकायों को वित्तीय मदद दिए जाने के प्रस्ताव मंजूर किया गया। इस कार्य के लिए लगभग 422 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भारत सरकार भेजा गया था। इसमें 85.46 करोड़ रुपये मिले हैं जबकि प्रदेश सरकार को 158.71 करोड़ रुपये निकायों को देने हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव नगर विकास डा. रजनीश दुबे, सचिव नगर विकास अनुराग यादव सहित कई अफसर उपस्थित थे।


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