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बरेली के लोगों को जल्द ही वाराणसी तक मिलेगी हवाई यात्रा की सुविधा, प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंदी ने जगाई उम्मीद

Nand Gopal Nandi Visit Bareilly प्रदेश के नागरिक उड्डयन अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक्फ एवं हज विभाग के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ शुक्रवार को शहर पहुंचे। यहां कानपुर में होने वाले ‘आगाज-2022’ के लिए जिले के व्यापारियों के साथ बैठक की।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 09:40 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 09:40 AM (IST)
बरेली के लोगों को जल्द ही वाराणसी तक मिलेगी हवाई यात्रा की सुविधा, प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंदी ने जगाई उम्मीद
बरेली पहुंचे नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी बोले-पहले हवाई जहाज लग्जरी था और आज लोगों की जरूरत बन चुका

बरेली, जेएनएन। Nand Gopal Nandi Visit Bareilly : प्रदेश के नागरिक उड्डयन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज विभाग के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ शुक्रवार को शहर पहुंचे। यहां कानपुर में होने वाले ‘आगाज-2022’ के लिए जिले के व्यापारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बरेली की देश के अन्य शहरों से बढ़ती एयर कनेक्टिविटी यानी वायु संपर्क पर खुशी जाहिर की। बरेली से वाराणसी के बीच उड़ान की चर्चा पर उन्होंने कहा कि पौराणिक जिला वाराणसी पर्यटन, व्यापार हर लिहाज से महत्वपूर्ण है, इसलिए बरेली-वाराणसी के बीच फ्लाइट को लेकर कुछ कंपनियों से बात की है।

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एयरलाइंस कंपनियां एयर ट्रैफिक को लेकर सर्वे करती हैं, फिर पूरी प्रक्रिया के बाद उड़ान शुरू होती है। उम्मीद है इस दिशा में भी सकारात्मक असर होगा। उन्होंने कहा कि बरेली से एक फ्लाइट के साथ शुरुआत हुई, वो भी हफ्ते में महज तीन दिन, फिर इसे नियमित किया गया। इसके बाद मुंबई और बेंगलुरू के बीच बरेली से उड़ान मिली। अभी और फ्लाइट बढ़ने की संभावना है। यानी हवाई यात्रा के लिए यात्री लगातार मिल रहे हैं। एविएशन डिपार्टमेंट का सर्वे बताता है कि एसी-टू टियर और इससे ऊपर के मुसाफिर ट्रेन की तुलना में हवाई जहाज से सफर करना ज्यादा पसंद करते हैं।

पहले हवाई जहाज लग्जरी था और आज लोगों की जरूरत बन चुका है। प्रदेश से पहले 24 और अब 80 फ्लाइट हैं, यानी तीन गुना से ज्यादा। मुसाफिरों की संख्या भी दोगुना से ज्यादा है। नोएडा एयरपोर्ट बनने के बाद बरेली को किस तरह लाभ मिलेगा, इस सवाल पर उड्डयन मंत्री ने कहा कि अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हां, ये तय है कि इस तरह के बड़े प्रोजेक्ट जब 200 किलोमीटर की परिधि के अंदर होते हैं, तो इसका सकारात्मक असर पड़ता है। पूर्व में इसके कई उदाहरण सामने हैं। फिर जेवर एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट हैं। जेवर एयरपोर्ट में सितंबर 2024 तक पहली उड़ान का लक्ष्य है। ऐसे में इससे बरेली समेत आसपास के कई जिलों को लाभ मिलेगा।


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