ड्रोन सर्वे के बाद बरेली में 325 गांव के लोग घर बैठे करा सकेंगे रजिस्ट्री, जानिए कैसे
गांव को शहरों की तरह विकसित करने के लिए प्रशासन गांव की संपत्तियों की मैपिंग करवा रहा है। ड्रोन सर्वेक्षण होने के बाद अब गांव की आबादी वाले क्षेत्रों के सर्वे शुरू होने जा रहे हैं। जिससे गांवों के लोगों को संपत्तियों के मालिकाना हक मिल जाएंगे।
बरेली, जेएनएन। गांव को शहरों की तरह विकसित करने के लिए प्रशासन गांव की संपत्तियों की मैपिंग करवा रहा है। ड्रोन सर्वेक्षण होने के बाद अब गांव की आबादी वाले क्षेत्रों के सर्वे शुरू होने जा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि स्वामित्व योजना में शामिल नवाबगंज के 319 और मीरगंज के 6 गांवों के लोगों को संपत्तियों के मालिकाना हक मिल जाएंगे। वह अपने गांव के मकानों की रजिस्ट्री कर सकेंगे।
तहसीलदार सदर आशुतोष गुप्ता ने बताया कि स्वामित्व योजना गांव की संपत्तियों के सही आंकलन करने का प्रयास है। इस योजना के तहत नवाबगंज और मीरगंज के गांवों की संपत्ति की ड्रोन से मैपिंग की गई है। गांव के लोगों को एक मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा। संपत्ति को लेकर जो भ्रम की स्थिति दूर हो सके। इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग सही तरीके से होगी। शहरों की तरह ही गांवों में भी लाेग स्वामित्व के आधार पर बैंक से लोन ले सकते हैं।
वैज्ञानिक तकनीक के जरिए मालिकाना हक से गांवों के निवासी अपनी संपत्ति का वित्तीय उपयोग कर पाएंगे। गांवों के आवासीय क्षेत्र का रिकॉर्ड पंचायतों को प्रदान कर सकेंगे। इससे संपत्तियों को कर के दायरे में लाया जा सकेगा। इस आमदनी से पंचायतें ग्रामीण क्षेत्र में अच्छी सुविधा दे पाएंगी। संपत्ति के स्पष्ट आंकलन और मालिकाना हक का निर्धारण होने से उनके कीमतों में तेजी आएगी। ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक के उपयोग से ग्राम पंचायत के पास गांव का सटीक रिकॉर्ड और मानचित्र तैयार किया जा रह है।
गांव के लोगों के लिए बहुत अच्छा प्रयास किया जा रहा है। गांव में विकास के लिए वही लोग प्रयास करेंगे। उन्हें संपत्तियों का मालिकाना हक मिल जाएगा। - आशुतोष गुप्ता, सदर तहसीलदार