स्वरोजगार की ओर बढ़े कदम, 17 हजार लोगों की मुद्रा योजना बनी सहारा
स्वरोजगार को गति देने के लिए पांच साल पहले शुरू की गई मुद्रा योजना का जिले के लोगों ने खूब लाभ लिया। अब तक 25 हजार से ज्यादा प्रति वर्ष तकरीबन पांच हजार लोगों ने मुद्रा योजना के तहत लोन कराकर स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाया है।
अंकित गुप्ता
बरेली, जेएनएन। स्वरोजगार को गति देने के लिए पांच साल पहले शुरू की गई मुद्रा योजना का जिले के लोगों ने खूब लाभ लिया। अब तक 25 हजार से ज्यादा, प्रति वर्ष तकरीबन पांच हजार लोगों ने मुद्रा योजना के तहत लोन कराकर स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाया है। मुद्रा योजना के तहत लोन लेने वाले 68 फीसद लोग ऐसे हैं जो इसका लाभ लेकर सफलता की ओर बढ़ रहे हैँ।
केंद्र सरकार की ओर से अप्रैल 2015 में मुद्रा योजना का की शुरुआत की गई थी। योजना का उद्देश्य छोटे, मध्यम दुकानदारों और बेरोजगार को रोजगार और स्वरोजगार की दिशा से जोड़ा जाए। इसके लिए बैंकों को आसानी से लोन देने के लिए भी कहा गया। इसके चलते ही जिले की 426 बैंकों द्वारा कुल 25230 लोगों को 342.46 करोड़ रुपये का लोन दिया गया। इनमें से 17,293 लोगों ने कारोबार को गति देते हुए बैंक को रकम भी वापस करना जारी रखा। हालांकि करीब 7937 लोगों के खाते इस दौरान नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) भी हुए हैं। बैंकों की ओर से इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को देने के साथ ही रिकवरी के प्रयास किए जा रहे हैं।हालांकि रिकवरी में कोई विशेष सफलता अभी नहीं मिली है।
कोरोना काल में छह हजार को मिला लाभ
मार्च के बाद कोरोना संक्रमण का असर शुरू हुआ। इसके साथ ही लॉकडाउन भी लगा दिया गया। दो माह तक लगभग पूरी तरह लॉकडाउन के बाद जून से कुछ रियायत दी गई है। इस दौरान बेरोजगार हुए कई लोगों ने मुद्रा योजना का लाभ लेकर अपना कारोबार शुरू किया। एक अप्रैल से तीस सितंबर तक जिले में 6182 लोगों को सौ करोड़ से अधिक का ऋण स्वीकृत किया गया।
इनको मिला फायद
शहर के मुहल्ला बिहारीपुर कासगरान निवासी रोहित सागर ने मुद्रा योजना से दो लाख रुपये का ऋण लेकर परचून की दुकान शुरू की थी। तकरीबन आधे से ज्यादा रुपये बैंक को लौटा चुके हैं।दुकान भी अच्छी चलने लगी है।
सीबीगंज निवासी राहुल चौहान ने मुद्रा लोन पांच लाख रुपये का ऋण लिया था। इससे नमकीन का काम शुरू किया था। अब शहर में नमकीन की सेल होने लगी है। राहुल ने भी आधा से ज्यादा ऋण बैंक को वापस कर दिया है।
एलडीएम मदन प्रसाद का कहना है कि मुद्रा लोन के तहत पांच सालों में 25 हजार से अधिक लोगों का ऋण स्वीकृत किया गया है। इसके जरिए बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है। जो खाते एनपीए हुए हैं उनसे वसूली कराई जा रही है।