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बरेली के पीर बहोड़ा में लोगों को नहीं मिल रहीं बुनियादी सुविधाएं

अपना शहर स्मार्ट सिटी में जरूर शामिल हो गया लेकिन इसके कई हिस्से आज भी विकास को तरह रहे हैं। वार्ड 70 पीर बहोड़ा 40 साल से विकास की बाट जोह रहा है। यहां के लोगों को आज भी बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं हैं। शहर की गलियों को पक्का करने के नगर निगम के दावे यहां फेल दिखाई देते हैं। जल निकासी के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 04:53 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 04:53 AM (IST)
बरेली के पीर बहोड़ा में लोगों को नहीं मिल रहीं बुनियादी सुविधाएं
बरेली के पीर बहोड़ा में लोगों को नहीं मिल रहीं बुनियादी सुविधाएं

बरेली, जेएनएन: अपना शहर स्मार्ट सिटी में जरूर शामिल हो गया, लेकिन इसके कई हिस्से आज भी विकास को तरह रहे हैं। वार्ड 70 पीर बहोड़ा, 40 साल से विकास की बाट जोह रहा है। यहां के लोगों को आज भी बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं हैं। शहर की गलियों को पक्का करने के नगर निगम के दावे यहां फेल दिखाई देते हैं। जल निकासी के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है। लोग रात को अंधेरे में ही चलने को मजबूर हैं। पूरे वार्ड में सफाई व्यवस्था का हाल भी बुरा है। रविवार को जागरण की टीम ने वार्ड का निरीक्षण किया तो लोगों की समस्याएं दर्द बनकर उनकी जुबान पर आ गईं।

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वर्षों से कच्चा पड़ा है मुख्य मार्ग, भरता पानी

गांव के बीच से चौड़ा नाला एयरफोर्स की ओर जा रहा है। इस नाले के किनारे पर गांव का मुख्य मार्ग है, जो वर्षों से कच्चा पड़ा है। ईदगाह से सुक्कन की पुलिया तक मार्ग पर बिना बारिश के भी जलभराव बना रहता है। बारिश के दौरान घुटनों तक पानी भरने से लोग निकल नहीं पाते हैं। बच्चे तो घरों में कैद हो जाते हैं। मुख्य मार्ग का एक हिस्सा शहर विधायक के पेट्रोल पंप के बराबर से भी निकलकर आता है। वहां से भी मार्ग कच्चा पड़ा है। यहां नाले के एक भाग में लोगों ने अतिक्रमण भी कर लिया है। वार्ड की कई गलियां कच्ची और टूटे खड़ंजे वाली हैं। कई जगह लोगों ने गली में पन्नी डाल दी है। कई पुलिया भी टूटी हुई हैं, जिस पर लोग गिर रहे हैं।

बल्लियों पर झूल रहे बिजली के तार, लाइटें नहीं

वार्ड में बिजली के पोल का भी जबरदस्त अभाव है। जाकिर रजा समेत अन्य कई गलियों में पोल नहीं होने के कारण बल्लियों के सहारे बिजली के तार घरों तक जा रहे हैं। करीब सौ घरों में लटकते हुए तारों के जरिए कनेक्शन लिए गए हैं। इसके अतिरिक्त जहां पोल लग गए हैं, उनमें भी स्ट्रीट लाइटें नहीं लग पाई हैं। इससे रात में निकलने वालों को दिक्कत होती है।

गंदगी के बीच प्राइमरी स्कूल

वार्ड में बने प्राइमरी स्कूल के आसपास भीषण गंदगी है। यहां स्कूल के पीछे से गंदा नाला बह रहा है। इससे स्कूल की दीवारें खराब हो रही है। स्कूल के बराबर में उसी की जमीन पर अवैध तरीके से कूड़ादान बना दिया गया है। यहां हल्की बारिश में ही भीषण जलभराव होता है।

पार्षद की बात

मेरे वार्ड के विकास की ओर बिलकुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मुख्य मार्ग समेत करीब आधा दर्जन गलियों के निर्माण के लिए प्रस्ताव दे चुका हूं। कई बार फाइलें बनाई भी गई हैं। एस्टीमेट भी तैयार किए गए, लेकिन सड़कें नहीं बन पा रही हैं। कई फाइलें तो खो गई, जिन्हें दोबारा बनवाया है। कच्चे रास्तों के कारण भीषण जलभराव से लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है।

बाबू भाई, पार्षद, वार्ड 70

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कच्चा रास्ता है, हल्की बारिश में ही जलभराव हो जाता है। बच्चे गिरकर चोटिल होते हैं। काफी दिक्कत होती है।

बब्बू छोटी अंसारी

कई बरस हो गए, आज तक सड़क पक्की नहीं बन पाई है। बारिश होने पर लोग घरों में कैद होकर रह जाते हैं।

रेहाना

टोला मुल्ला जी वाली गली में वर्षों से टूटा खड़ंजा पड़ा है। जल निकासी का कोई साधन नहीं है। कूड़ा उठ रहा है।

मो. रईस

बताया गया था कि जल्द सड़क बनेगी और जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

लीला वर्मा

रास्ता कच्चा होने के कारण बच्चे बाहर खेल भी नहीं सकते हैं। इतना पानी भरता है कि निकल भी नहीं पाते।

अज्जू

वार्ड में कई जगह बिजली के पोल लगे हैं, लेकिन उन पर लाइटें नहीं लगी है। इस कारण अंधेरे में डर बना रहता है।

रहीसुद्दीन

कच्ची गलियों से निकलने के लिए कुछ लोगों ने पन्नी डाल ली है। कुछ लोगों ने पैसे इकट्ठे कर मिट्टी डलवाई है।

नन्हे खान

तैयब वाली गली में घुटनों तक पानी भरता था। आपस में चंदा करके वहां कई ट्राली मिट्टी डलवाई है।

नाजरा

कुछ गलियों में खड़ंजा पडे हुए हैं, जो काफी टूट गए हैं। गलियों से पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है।

मो. शाहिद

घर के आगे ही कूड़े का ढेर पड़ा हुआ है। अगर कोई मेहमान आ जाए तो घर में बैठना भी मुश्किल होता है।

यामीन खां

वर्जन

वार्ड में निगम की टीम भेजकर सर्वे कराया जाएगा। जहां भी सड़क-नाली निर्माण की जरूरत होगी, उसका एस्टीमेट तैयार कर निर्माण कराया जाएगा। जो भी फाइलें निगम में हैं, उन्हें निकलवाकर टेंडर प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।

बीके सिंह, मुख्य अभियंता, नगर निगम


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