Peace Committee : SDM ने दी हिदायत, नहीं निकलेगा दशहरा और वारावफात पर जुलूस
दशहरा और वारावफात के पर्व पर किसी भी दशा में जुलूस नहीं निकाला जाएगा। कोरोना महामारी अभी कम नहीं हुई है। इसलिए शासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए घरों में सादगी से पर्व मनाए। यह हिदायत पीस कमेटी की बैठक में उपस्थित एसडीएम राजेश चंद्र ने दी।
बरेली, जेएनएन। दशहरा और वारावफात के पर्व पर किसी भी दशा में जुलूस नहीं निकाला जाएगा। कोरोना महामारी अभी कम नहीं हुई है। इसलिए शासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए घरों में सादगी से पर्व मनाए। यह हिदायत देवरनियां कोतवाली में आयोजित हुई पीस कमेटी की बैठक में उपस्थित एसडीएम राजेश चंद्र ने दी। इसके साथ ही सीओ बहेड़ी यतेंद्र सिंह ने भी लोगों को साफतौर पर जुलूस न निकालने की भी बात कही।
बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों से एसडीएम ने कहा कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है जिसके चलते सभी को एहतियात बरतने की आवश्यकता है। ताकि हम अपने परिवार समाज तथा देश को कोरोना से सुरक्षित रख सकें। उन्होंने कहा कि दशहरा और वारावफात त्योहारों पर किसी भी दशा में जुलूस नहीं निकाले जाएं तथा सादगी के साथ त्योहार घरों में रहकर ही मनाया जाए। सीओ यतेंद्र सिंह नागर ने पीस कमेटी की बैठक में उपस्थित ग्राम प्रधानों, मौलानाओं समेत क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों से आगामी त्योहारों को सांप्रदायिक सौहार्द व शांतिपूर्ण माहौल में सादगी के साथ त्योहार मनाए जाने का आग्रह किया।
कोतवाली देवरनियॉ के प्रभारी दयाशंकर ने कहा कि कोरोना महामारी का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। जिससे बचाव जरुरी। उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना को लेकर परिस्थितियां विपरीत बनी है। और व्यक्ति परिस्थितियों का दास है। हमें अपने समाज परिवार और देश को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए कोरोना महामारी से बचाव के लिए सक्रिय भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। शासन कोरोना के खात्मे को प्रयासरत है। जिसमें समाज की भी भूमिका सर्वोपरि है।
देवरनियाँ कोतवाली की पीस कमेटी की वैठक में प्रभारी दयाशंकर ,एस एस उचाई निर्मोंश कुमार ,एस आई देवेन्द्र कुमार,एस आई गौरव कुमार ,संजीव कुमार ,विपिन कुमार,राम प्रकाश चालक के के यादव, ह्सनैन २जा खाँ चेरमैन प्रतिनिधि,रिवाज रजा खाँ,सत्यपाल ,वेद प्रकाश,मिश्रयार खाँ,बब्बन खाँ,अमर सिहं,शमशुल जमा ,मुन्ना लाल,ढाकन लाल गंगवार ,सर्वेश कुमार,मनोज कुमार तिवारी, रामवीर , समेत क्षेत्र के मस्जिदों के इमाम आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।