गुजरात से आई ट्रेन के यात्रियों को भी मिला निश्शुल्क टिकट
दैनिक जागरण के प्रयास के बाद गुजरात से अपने घरों को लौट रहे प्रवासियों से खुलेआम हो रही लूट अंतत थम गई। पहली बार उन्हें निश््शुल्क रेल टिकट मिला।
जेएनएन, बरेली : दैनिक जागरण के प्रयास के बाद गुजरात से अपने घरों को लौट रहे प्रवासियों से खुलेआम हो रही लूट अंतत: थम गई। पहली बार उन्हें निश्शुल्क रेल टिकट मुहैया कराया गया। गुरुवार को गुजरात के आणंद से बरेली पहुंची ट्रेन के यात्रियों ने बिना किसी भुगतान के रेल यात्रा की।
दैनिक जागरण ने अपने 19 मई के अंक में प्रथम पृष्ठ पर खबर प्रकाशित की थी - गुजरात में प्रवासियों से वसूली कर रहा बड़ा नेटवर्क। मुरादाबाद के डीआरएम ने भी गुजरात से आने वाली ट्रेनों में वसूली की शिकायतें मिलने की बात स्वीकारी थी। साथ ही जागरण द्वारा ध्यान दिलाने पर कहा था कि इस संबंध में साबरमती और जामनगर के डीआरएम से बात करके मामले से अवगत कराया गया है। इसके महज दो दिन बाद गुजरात से आई ट्रेन के यात्रियों के चेहरे निश्शुल्क यात्रा का सुकून था।
जंक्शन पर प्रशासन ने दिए टिकट
गुजरात में अब तक प्रवासियों को टिकट नोडल एजेंसियों के माध्यम से दिया जा रहा था। एजेंसियों के लोग बस में प्रवासियों से मनमानी वसूली के बाद ही टिकट दे रहे थे। गुरुवार को आई ट्रेन के यात्रियों ने बताया कि रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर ही जिला प्रशासन व रेल के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। सभी को स्वास्थ्य जांच का पर्चा दिखाने पर निश्शुल्क टिकट दिया गया। कुल 447 प्रवासी कामगार आणंद से बरेली पहुंचे। विभिन्न जिलों के प्रवासियों को 15 बसों से उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया।
अब तक आ चुके 12 हजार से अधिक यात्री
गुजरात से बरेली जंक्शन पर अभी तक कुल नौ श्रमिक स्पेशल आ चुकी है। इन ट्रेनों से 12,175 यात्री ला गए। 19 मई तक आए आए प्रवासियों से छह से सात सौ रुपये किराया वसूले जाने की शिकायत सामने आई थी। लेकिन गुरुवार को आई ट्रेन के सभी यात्रियों ने निश्शुल्क टिकट मिलने की बात कही। बाराबंकी निवासी अमिषा यादव ने बताया कि उनसे बरेली तक कोई किराया नहीं लिया गया। हां, रास्ते में केवल खाना-पानी न मिलने से कुछ दिक्कत हुई। यही बात जालौन के माधौैगढ़ निवासी पंकज ने भी कही। भूखे-प्यासे यात्रियों को बरेली जंक्शन पर खाना-पानी दिया गया।