कथक के फलक पर 'थिरक' रही पंखुृड़ी
होनहार बिरवान के होत चीकने पात। इस मुहावरे को चरितार्थ किया है न्यू बग्गा कालोनी गंगानगर बदायूं रोड की पंखुड़ी ने। कथक उनकी रग-रग में समाया है। सात साल की उम्र से ही वह इसकी शिक्षा ले रही हैं। राष्ट्रीय स्तर पर जीत हासिल कर कथक की दुनिया में वह अपनी पहचान बना चुकी हैं।
बरेली, जेएनएन: होनहार बिरवान के होत चीकने पात। इस मुहावरे को चरितार्थ किया है न्यू बग्गा कालोनी गंगानगर बदायूं रोड की पंखुड़ी ने। कथक उनकी रग-रग में समाया है। सात साल की उम्र से ही वह इसकी शिक्षा ले रही हैं। राष्ट्रीय स्तर पर जीत हासिल कर कथक की दुनिया में वह अपनी पहचान बना चुकी हैं। सेंट मारिया गौरेटी इंटर कालेज कैंट में कक्षा छह की छात्रा पंखुड़ी पढ़ाई में भी पीछे नहीं है। अब वह कथक के दम पर अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाना चाहती हैं।
कमल किशोर वर्मा और रश्मि वर्मा की बेटी पंखुड़ी ने सात साल की उम्र से ही अपने हुनर की झलक दिखानी शुरू कर दी थी। वह बताती हैं कि उन्हें कथक नृत्य से काफी संतुष्टि मिलती है। वह कथक में अपना और परिवार का नाम रोशन करना चाहती हैं। वह रोजाना सुबह जल्दी उठकर डेढ़ घंटे अभ्यास करती हैं। वह मोबाइल को सिर्फ जरूरत के समय ही इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने बताया कि इस सफलता में वह अकेली नहीं, इसमें उनके माता-पिता और गुरु की भी अहम भूमिका है।
देश की संस्कृति को आगे ले जाना चाहती हैं पंखुड़ी
देश की संस्कृति को आगे ले जाने की चाहत रखने वाली 12 वर्षीय पंखुड़ी कथक नृत्य करती हैं। कम उम्र में ही उन्होंने जिले से लेकर कई राज्यों में नाम रोशन किया है। लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाली पंखुड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाना चाहती हैं। अभी हाल ही में उन्होंने डांस स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा जालंधर (पंजाब) में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की नृत्य प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है।
गोविद गंगानी से ले रहीं प्रशिक्षण
पंखुड़ी प्रयाग सेवा समिति प्रयागराज से कथक नृत्य का विधिवत प्रशिक्षण ले रही हैं। इसके साथ ही कथक गुरु गोविद गंगानी से रोजाना ऑनलाइन प्रशिक्षण भी ले रही हैं।
एक नजर करियर पर
प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज से सीनियर डिप्लोमा
सर्टिफिकेट ऑफ सुपर डांसर - प्रथम स्थान
बरेली जेसीज, श्रेष्ठ कलाकार सम्मान, एक्सीलेंस, नृत्यश्री, जिला स्तर पर नृत्य प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
दुरदर्शन पर 25 नृत्य की हो चुकी रिकार्डिंग।