प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा से दहशत में बरेली के अधिकारी, आने से पहले पूरा किया होमवर्क, तैयार किए 27 इंजीनियरों के नोटिस
In-charge Minister Shri Kant Sharma News कलक्ट्रेट और बिजली महकमे के अधिकारियों ने रविवार को भी दफ्तर खोलकर अपने-अपने इलाके में एकमुश्त समाधान योजना को लेकर डेटा जुटा लिया है। तब जिले में करीब 18.23 करोड़ रुपये बिजली के बिल बकाया थे।
बरेली, जेएनएन। Incharge Minister Shri Kant Sharma News : जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा सोमवार दोपहर बाद जिले में पहुंचेंगे। हालांकि जिले में उनका कार्यक्रम गणतंत्र दिवस के समारोह को लेकर है। चूंकि, प्रभारी मंत्री प्रदेश के ऊर्जा मंत्री भी हैं, ऐसे में संभव है कि औपचारिक कार्यक्रम या समीक्षा बैठक नहीं हो। बावजूद इसके श्रीकांत शर्मा एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) की प्रगति भी जान सकते हैं। वजह, एक दिसंबर को ऊर्जा मंत्री ने ही योजना लांच की थी।
इसलिए कलक्ट्रेट और बिजली महकमे के अधिकारियों ने रविवार को भी दफ्तर खोलकर अपने-अपने इलाके में एकमुश्त समाधान योजना को लेकर डेटा जुटा लिया है। तब जिले में करीब 18.23 करोड़ रुपये बिजली के बिल बकाया थे। योजना लांच होने के बाद से अभी तक 7800 बकाएदार विद्युत उपभोक्ताओं ने 9.15 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं।
पंजीकरण के लिए महज सात दिन बाकी
ओटीएस के तहत पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 जनवरी है। ऐसे में अब महज सात दिन बाकी हैं। इनमें भी कुछ सरकारी अवकाश हैं। ऐसे में बकाया उपभोक्ताओं को योजना के तहत पंजीकरण कराने के लिए महज कुछ ही दिन बाकी हैं।
30 फीसद जमा कर होता है रजिस्ट्रेशन
योजना के तहत पंजीकरण को 30 फीसद रकम तत्काल जमा करनी होती है। बाकी 28 फरवरी तक जमा करनी होगी। तभी योजना के तहत जुर्माने का लाभ मिलेगा। ऐसा न कर पाने पर बकाया पर ब्याज भी देना होगा।
एमडी के आदेश पर 27 इंजीनियरों के नाम नोटिस
प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा का दौरा होने की जानकारी महकमे के प्रबंध निदेशक को मिली तो उन्होंने मुख्य अभियंता से ओटीएस के तहत लापरवाह इंजीनियरों को नोटिस देने के आदेश दिए। लक्ष्य से पीछे चल रहे 27 के नाम नोटिस बना भी लिये गए। इनमें मंडल के 16 अवर अभियंता हैं।
इस बार पहले ही एक्शन
पिछली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान भी ऊर्जा मंत्री का जोर लाइनलास कम करने पर था। तब 14 अभियंताओं को नोटिस जारी करने के आदेश दिए थे। वहीं, ओटीएस लांचिंग के बाद भी उन्होंने लापरवाही पर प्रबंध निदेशक की ही जवाबदेही तय की थी। इसीलिए प्रबंध निदेशक ने मंत्री से पहले खुद एक्शन करा लिया।