Panchayat Chunav Rivalry News : बरेली में चुनावी रंजिश के आगे फेल हुआ पुलिस का खुफिया तंत्र, जानिए अब तक कितनी हाे चुकी हत्याएं
Panchayat Chunav Rivalry News त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद से ही रंजिश की आग सुलगने लगी थी। मतदान के बाद जिले में एक हत्या और पांच से छह स्थानों पर छुटपुट वारदात भी हो चुकी थी। लेकिन मतगणना के बाद वारदात और बढ़ गई।
बरेली, जेएनएन। Panchayat Chunav Rivalry News : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद से ही रंजिश की आग सुलगने लगी थी। मतदान के बाद जिले में एक हत्या और पांच से छह स्थानों पर छुटपुट वारदात भी हो चुकी थी। लेकिन मतगणना के बाद वारदात और बढ़ गई। जिले में अब तक एक प्रधान, एक प्रधान पति और एक प्रधान के रिश्तेदार की हत्या हो चुकी हैं। अब तक कुल 18 विवादों हुए जिनमें 40 से 50 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
18 मई को प्रधान पति की हत्या
जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण यानी 15 अप्रैल को मतदान हुआ था। इसके अगले दिन से ही ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्याशियों में लड़ाई झगड़े शुरू हो गए थे। 18 मई को भोजीपुरा क्षेत्र के गांव बिबियापुर में हुए विवाद में प्रधान बनीं किरन गंगवार के पति नरेंद्र सिंह गंगवार की हत्या कर दी गई। इस मामले में कुछ हत्यारोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं, वहीं कुछ फरार है। प्रधान ने भी अपनी जान का खतरा बताया है।
5 मई को बीडीसी के रिश्तेदार की मौत
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद दो मई को मतगणना हुई। इसके बाद हारे और जीतने वाले प्रत्याशियों और उनके समर्थकों में विवाद बढ़े। पांच मई को भुता क्षेत्र के गांव भड़रिया में हुए विवाद में हारे हुए प्रधान प्रत्याशी और जीतने वाले बीडीसी के बीच झगड़ा हुआ। इसमें हुई पत्थरबाजी में सिर में चोट लगने से बीडीसी के रिश्तेदार महिला की मौत हो गई।
खुफियातंत्र न सूचनातंत्र आया काम
पंचायत चुनाव के मतदान के बाद ही से ही विवाद शुरू हो गए थे। आशंका थी कि मतगणना के बाद विवाद और बढ़ेंगे। इसके बाद भी पुलिस का खुफिया तंत्र, सूचना तंत्र कुछ काम नहीं आया। यहां तक कि गांव गांव बनाए गए पुलिस मित्रों से भी पुलिस को कोई सूचना नहीं मिली। इसके अलावा गांव स्तर पर काम करने वाले चौकीदारों से भी विवाद या बवाल होने की जानकारी नहीं आई। यहीं कारण रहा कि जब विवाद बढ़ने पर पुलिस मौके पर पहुंची तो पुलिस को पथराव के चलते उल्टे पांव लौटना पड़ा।
मतगणना के बाद कुछ चर्चित मामले
3 मई :- इज्जतनगर के गांव चावड़ में हारने वाले प्रत्याशी ने ताना तमंचा, दोनों पक्षों में तनाव, भेजे गए जेल।
3 मई :- सीबीगंज में सिसइयां हुसैनपुर में जीत की खुशी में बवाल, प्रधान को जाना पड़ा जेल।
4 मई :- नवाबगंज के सिधौलिया गांव में मारपीट प्रधान और पूर्व प्रधान घायल, मुकदमा।
5 मई :- भुता के गांव भड़रिया में हारे हुए प्रधान प्रत्याशी और बीडीसी सदस्य के परिवार वालों के बीच हुआ विवाद। सिर में चोट लगने से महिला की मौत।
5 मई :- फतेहगंज पश्चिमी के गांव ठिरिया खेतल में हारे व जीते प्रधान के बीच बवाल और पथराव में सिपाही घायल।
5 मई : भोजीपुरा के घंघोरा में प्रधान व हारे प्रत्याशी के समर्थक में बवाल, पथराव में आधा दर्जन घायल।
6 मई : मीरगंज के गांव नगरिया कल्याणपुर में बीडीसी का चुनाव हारे प्रत्याशी पर पीटने का आरोप।
8 मई : बहेड़ी के गांव जोखनपुर में हारने और जीतने वाले प्रधान में मारपीट व पथराव, पुलिस को भागना पड़ा।
8 मई :- फतेहगंज पूर्वी के गांव रिउना कला में वोट न देने पर तीन लोगों को पीटा।
8 मई : शीशगढ़ के गांव मलसाखेड़ा की प्रधान के पति पूर्व प्रधान के भाइयों पर रिपोर्ट दर्ज।
10 मई : नवाबगंज के दो गांवों में हारे और जीतने वाले प्रधानों के समर्थकों में विवाद।
20 मई : क्यारा ब्लाक के गांव परगवां में प्रधान की गोली मारकर हत्या।
पंचायत चुनाव के पहले से ही सभी थाना पुलिस अलर्ट हैं। मतगणना के बाद भी गश्ती बढ़ाई गई है। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों और पूर्व प्रधानों व प्रत्याशियों पर नजर भी रखी जा रही है। - रोहित सिंह साजवाण, एसएसपी