बरेली में सरकारी रेट से ढाई रुपए कम में ऑक्सीजन सिलेंडर देने पर माने व्यापारी लेकिन लगाई ये शर्त, पढिए खास रिपोर्ट
सरकार के प्रस्तावित रेट से करीब ढाई रुपये कम में ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने की हामी भरी। अधिकारियों ने लिक्विड ऑक्सीजन (कच्चे माल) की उपलब्धता में सहयोग की बात कही।
बरेली, जेएनएन। जिले में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारु रखने और शासन से निर्धारित दामों पर चर्चा को गुरुवार को कारोबारियों ने सहायक औषधि आयुक्त के साथ बैठक की। कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए कारोबारियों से सहयोग की अपील की गई। वही कारोबारियों ने कच्चे माल की आपूर्ति में अधिकारियों से सहयोग मांगा। उन्होंने सरकार के प्रस्तावित रेट से करीब ढाई रुपये कम में ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने की हामी भरी। अधिकारियों ने लिक्विड ऑक्सीजन (कच्चे माल) की उपलब्धता में सहयोग की बात कही।
जिले में लगातार बढ़ रहे कोविड के मरीजों के चलते ऑक्सीजन की भी खपत बढ़ने लगी है। एक ओर जहां ऑक्सीजन की डिमांड तेजी से बढ़ी है, वही इसे तैयार करने के लिए कच्चे माल की उपलब्धता में कमी आई है। कच्चे माल के दाम तीन गुना से भी अधिक हो गए हैं। एकमात्र काशीपुर (उत्तराखंड) की एक कंपनी से कच्चा माल जिले में आ रहा है। शासन ने सात किलो के ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत 122.43 रुपये निर्धारित कर दी है। कच्चे माल के दाम बढ़ने के कारण कारोबारी ऑक्सीजन सप्लाई से हाथ खड़े कर रहे थे।
मरीजों को ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए गुरुवार को सहायक औषधि आयुक्त के कार्यालय में कारोबारियों के साथ बैठक हुई। इसमें व्यापारी नेता राजेंद्र गुप्ता, दुर्गेश खटवानी, राजेश जसोरिया, हर्षवर्धन, नितिन खंडेलवुाल, पीयूष अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, चंचल उपाध्याय आदि मौजूद रहे।कारोबारियों ने घटा लिए 2.43 रुपयेकोविड के मरीजों के सहयोग के तौर पर ऑक्सीजन के कारोबारियों ने शासन की ओर से निर्धारित 122.43 रुपये प्रति सिलेंडर से भी 2.43 रुपये घटा लिए। कारोबारी 120 रुपये में ही सात किलो का सिलेंडर देने को राजी हो गए हैं।
इतने रुपये में वह सिर्फ ऑक्सीजन देने को तैयार हुए हैं, उससे जुड़ी अन्य सुविधाएं नहीं देंगे।किराया व भाड़ा खरीदार से लेंगेअब तक सप्लायर खरीदार को उनके बताए अस्पताल या अन्य स्थान पर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाते थे। उनके अस्पताल तक पहुंचाने का भाड़ा और सिलेंडर वहां रखने का किराया भी नहीं लेते थे। अब ऑक्सीजन सप्लाई अस्पताल तक पहुंचाने का भाड़ा लेंगे और सिलेंडर वहां रखने का किराया भी वसूल करेंगे। इसके अलावा जीएसटी अलग से लगाई जाएगी।
आक्सीजन को प्राथमिकता पर कोविड अस्पतालों को दिलाने में प्रशासन सतर्क है। व्यापारियों से निर्बाध आपूर्ति को लेकर चर्चा की गई है। - संजय कुमार, ड्रग आयुक्त