Oxygen Black Marketing in Bareilly : बरेली में ऑक्सीजन कालाबाजारी का दर्ज हुआ पहला मुकदमा, 40 हजार में बेचा था ऑक्सीजन सिलिंडर
Oxygen Black Marketing in Bareilly कोविड के होम आइसोलेशन मरीजों से ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वाले पारस गुप्ता ड्रग विभाग की कार्रवाई में फंसे हैं। ऑक्सीजन सिलिंडर 40 हजार रुपये में बेचने का एक वीडियो वायरल होने के बाद ड्रग विभाग ने प्रेमनगर थाने में एफआइआर दर्ज कराई है।
बरेली, जेएनएन। Oxygen Black Marketing in Bareilly : कोविड के होम आइसोलेशन मरीजों से ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वाले पारस गुप्ता ड्रग विभाग की कार्रवाई में फंसे हैं। ऑक्सीजन सिलिंडर 40 हजार रुपये में बेचने का एक वीडियो वायरल होने के बाद ड्रग विभाग ने प्रेमनगर थाने में तहरीर सौंपकर एफआइआर दर्ज कराई है। वीडियो का सत्यापन पुलिस अपने स्तर पर कर रही है। कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन कालाबाजारी के लिए यह पहला मुकदमा दर्ज हुआ है।
शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद ड्रग विभाग ने संज्ञान लिया। इसमें पारस गुप्ता से एक व्यक्ति ऑक्सीजन सिलिंडर की मांग रहा था। ऑक्सीजन सिलिंडर के बदले उससे 40 हजार रुपये मांगे गए थे। इस वीडियो को देखने के बाद औषधि निरीक्षक उर्मिला वर्मा ने रविवार को प्रेमनगर थाने में एफआइआर के लिए तहरीर सौंप दी। अब पुलिस पारस के बयान दर्ज कराएगी। ऑक्सीजन गैस कालाबाजारी के आरोपी पारस गुप्ता के मुताबिक ऑक्सीजन के लिए हमनें सिक्योरिटी रकम के मांगे गए थे। मुझपर लगे आरोप गलत है। मैं पुलिस जांच में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हूं।
प्रेमनगर थाने के इंस्पेक्टर अवनीश कुमार ने बताया कि पारस गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी और महामारी एक्ट के तहत लिखापढ़त हुई है। ड्रग विभाग की भी जांच चल रही है। इसमें साक्ष्य और मिलने पर कारोबारी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा में भी कार्रवाई हो सकती है।
व्यापारी नेता का भतीजा है आरोपित पारस
एक बड़े व्यापारी नेता के भतीजे बताए जाते है। लेकिन जब व्यापारी नेता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वाले किसी शख्स से उनका रिश्ता नहीं हाे सकता है। इंटरनेट मीडिया पर समाजसेवा की कई तस्वीरें भी पारस ने पोस्ट की हुई है।
टारगेट पर गुनाहगार और भी हैंं
पिछले दिनों एक बड़े सर्जिकल कारोबारी के लिए भी इंटरनेट मीडिया पर तीमारदारों ने लिखा था। ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर से लेकर ऑक्सीमीटर की लूट का खुुलासा हुआ था। बताते है कि ड्रग विभाग के टारगेट पर ये सर्जिकल कारोबारी भी है।ड्रग निरीक्षक उर्मिला वर्मा ने बताया कि वायरल वीडियो के आधार पर कार्रवाई की गई है। कुछ और कारोबारी भी निशाने पर है। ठोस साक्ष्य आते ही उनके खिलाफ भी एफआइआर लिखवाई जाएगी। बरेली मंडल केमिस्ट वेलफेयर संस्था के सतीश सेट्टी ने बताया कि करोना से संबंधित दवाएं, उपकरण कालाबाजारी से खरीदना और उसको बेचना दोनों अपराध की श्रेणी में आते हैं। औषधि विभाग कारवाई सही है। केमिस्ट भी इस महामारी में अनुचित रेट पर माल बेचते या स्टॉक करते पकड़ा जाए उसके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई होनी चाहिए।