Operation Tigress News : बरेली में चार सेंसर कैमरों में दिखी बाघिन, बारिश फिर बनी रूकावट
Operation Tigress News फतेहगंज पश्चिमी की बंद रबर फैक्ट्री में 13 मार्च 2020 से घूम रही बाघिन को पकड़ने के लिए एक बार फिर से ऑपरेशन टाइगर शुरू हुआ है। वन विभाग व विशेषज्ञों ने बाघिन का मूवमेंट एक निश्चित जगह सीमित करने में सफलता हासिल कर ली है।
बरेली, जेएनएन। Operation Tigress News : फतेहगंज पश्चिमी की बंद रबर फैक्ट्री में 13 मार्च 2020 से घूम रही बाघिन को पकड़ने के लिए एक बार फिर से ऑपरेशन टाइगर शुरू हुआ है। वन विभाग व विशेषज्ञों ने बाघिन का मूवमेंट एक निश्चित जगह सीमित करने में सफलता तो हासिल कर ली है, लेकिन गुरुवार भोर में हुई बरसात ने समस्या पैदा कर दी है। दो दिन और बारिश होने की मौसम विभाग बात कर रहा है।
ऐसे में अगर बारिश ज्यादा होती है तो एक बार फिर से ऑपरेशन टाइगर रोकने की नौबत आ सकती है। दरअसल रबर फैक्ट्री मेें बड़े-बड़े गड्ढों के साथ ही तालाब आदि भी बने हुए हैं। जो कि बारिश होने पर भर जाएंगे। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ देहरादून व वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया, पीलीभीत टाइगर रिजर्व के वन्य जीव विशेषज्ञ व वन विभाग की संयुक्त टीम बाघिन को पकड़ने में लगे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाघिन का मूवमेंट लगभग एक निश्चित जगह पर ही है। मूवमेंट की जानकारी का पता करने के लिए लगाए गए 39 सेंसर कैमरों में से चार कैमरों मेें गुरुवार को भी बाघिन की फोटो कैद हुई है। इसके साथ ही बाघिन लगातार खुले में बांधे गए पड्डों के आस-पास ही घूम रही है। बाघिन को ट्रेंक्युलाइज करने के लिए विशेषज्ञ डार्ट का इस्तेमाल करते हैं। जिसके लगने के 10 मिनट बाद ही बाघिन पर उसका असर होगा।
इस बीच बाघिन कहीं भाग भी सकती है। इसलिए सही जगह पर ही उसे यह मारा जाएगा। बारिश अधिक हो जाने से खाली गड्ढों में पानी भर सकता है और बाघिन डार्ट लगने के बाद अगर तालाब, गड्ढा आदि में चली गई तो उसकी जान को भी खतरा हो सकता है। बाघिन को सुरक्षित पकड़ना है। इसलिए बारिश अधिक होने पर ऑपरेशन को कुछ दिन रोका भी जा सकता है। जबकि वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विशेषज्ञ बाघिन को पकड़ने के लिए लगे हुए हैं। जल्द ही सुरक्षित बाघिन को पकड़ने में सफलता मिलेगी।