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Audit : 60 लाख न वसूल कर पाने पर शासन ने UP के इन अफसरों से पूछा, इतनी मेहरबानी क्यों Bareilly News

अलग-अलग योजनाओं और मदों में हुए कार्यो में जिन अधिकारियों ने 60 लाख रुपये की गड़बड़ी की। उन पर अफसरों ने इतनी मेहरबानी दिखाई गई कि सात साल तक उनसे वसूली नहीं की गई।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 08:47 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 08:47 AM (IST)
Audit : 60 लाख न वसूल कर पाने पर शासन ने UP के इन अफसरों से पूछा, इतनी मेहरबानी क्यों Bareilly News
Audit : 60 लाख न वसूल कर पाने पर शासन ने UP के इन अफसरों से पूछा, इतनी मेहरबानी क्यों Bareilly News

जेएनएन, बरेली : अलग-अलग योजनाओं और मदों में हुए कार्यो में जिन अधिकारियों ने 60 लाख रुपये की गड़बड़ी की। उन पर अफसरों ने इतनी मेहरबानी दिखाई गई कि सात साल तक उनसे वसूली नहीं की गई। जिस पर शासन ने फटकार लगाई है। डीएम को पत्र लिखकर संबधित अधिकारियों से वसूली की रिपोर्ट तलब की है।

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2012 मे कराया था योजनाओं का Audit

वर्ष 2012 में जिले की अलग-अलग योजनाओं और विभागों का ऑडिट कराया गया था। ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया था कि 183 प्रकरणों में करीब 60 लाख 65 हजार 212 रुपये की गड़बड़ी की गई है। इस पर शासन ने निर्देश दिया था कि गड़बड़ी करने वाले संबधित अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन से इस राशि की कटौती की जाए। बावजूद इसके न तो संबधित अधिकारियों से वसूली की गई और न ही उनका वेतन रोका गया।

सात साल पहले दिए थे recovery के आदेश 

सात साल गुजर गए। कई अधिकारी मलाई खाकर खिसक लिए लेकिन दोषियों पर शिकंजा कसने की जहमत नहीं उठाई। जिस पर राजस्व परिषद के अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त लेखा का कहना है कि पूरे मामले से ऐसा लगता है जैसे जानबूझकर वसूली नहीं की गई।

अफसरों से मांगी evidence सहित आख्या 

दिसंबर में ऑडिट आपत्तियों के निस्तारण को लेकर कमिश्नर की अध्यक्षता में बैठक होनी है। तब शासन ने फिर से जिला प्रशासन को इस मामले की याद दिलाई है। कहा है कि सभी प्रकरणों में पूरी वसूली करते हुए साक्ष्य सहित अनुपालन आख्या तुरंत मंडलीय अपर आयुक्त वित्त के कार्यालय को भेजी जाए।


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