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Negligence: कॉलेज संचालकों से अधिकारी बोले- कुछ नहीं कर सकता विश्वविद्यालय, लटका 4000 छात्रों का भविष्य Bareilly News

रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में अटके चार हजार से अधिक एडमिशन को विवि प्रशासन ने सिरे से खारिज कर दिया है। ये छात्र इस साल परीक्षा नहीं दे पाएंगे।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 11:19 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 01:52 PM (IST)
Negligence: कॉलेज संचालकों से अधिकारी बोले- कुछ नहीं कर सकता विश्वविद्यालय, लटका 4000 छात्रों का भविष्य Bareilly News
Negligence: कॉलेज संचालकों से अधिकारी बोले- कुछ नहीं कर सकता विश्वविद्यालय, लटका 4000 छात्रों का भविष्य Bareilly News

जेएनएन, बरेली : रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में अटके चार हजार से अधिक एडमिशन को विवि प्रशासन ने सिरे से खारिज कर दिया है। ये छात्र इस साल परीक्षा नहीं दे पाएंगे। विवि प्रशासन ने साफ कहा कि कॉलेजों ने जानते हुए यह गलती की है इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

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लॉगिन न खुलने पर सामने आई हकीकत : इस सत्र में विश्वविद्यालय से संबद्ध कई महाविद्यालयों ने करीब चार हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं का एडमिशन समय सीमा के बाद किया है। इनकी जानकारी भी विश्वविद्यालय को नहीं दी गई। अब जब परीक्षा फार्म भरे जाने लगे तो ऐसे छात्रों का लॉगिन ही नहीं खुला। मालूम हुआ कि इनका विश्वविद्यालय में एडमिशन ही नहीं है। इसलिए ये वार्षिक परीक्षाओं के लिए फार्म नहीं भर सकते। परेशान छात्रों ने महाविद्यालयों को इसकी जानकारी दी तो हड़कंप मच गया।

बोले, कुछ नहीं कर सकता विश्वविद्यालय : महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक और प्रबंधक विश्वविद्यालय में प्रशासनिक भवन के चक्कर काटने लगे। मगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे अस्वीकार कर दिया। रजिस्ट्रार डॉ. सुनीता पांडेय ने बताया कि कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला के समक्ष इस प्रकरण को रखा गया था। उन्होंने साफ कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने एडमिशन के लिए गाइडलाइन दी है। जो भी समय निर्धारित होता है उसके बाद अगर कोई एडमिशन होता है तो उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। विश्वविद्यालय इसमें कुछ नहीं कर सकता है।


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