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पीलीभीत टाइगर रिजर्व में जानवरों की प्यास बुझाने के इंतजामों को देखने पहुंचे अधिकारी, जानिये जंगल में पीने के पानी की क्या की गई है व्यवस्था

Pilibhit Tiger Reserve News पीलीभीत टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर जावेद अख्तर व डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने संयुक्त रूप से दियोरिया रेंज के जंगल का निरीक्षण किया। जंगल में वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए विकसित किए गए तालाबों को देखा।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 11:05 AM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 11:05 AM (IST)
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में जानवरों की प्यास बुझाने के इंतजामों को देखने पहुंचे अधिकारी, जानिये जंगल में पीने के पानी की क्या की गई है व्यवस्था
पूर्व में कराए गए पौधारोपण अभियान के तहत लगाए गए पौधों का भी जायजा लिया।

बरेली, जेएनएन। Pilibhit Tiger Reserve News : पीलीभीत टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर जावेद अख्तर व डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने संयुक्त रूप से दियोरिया रेंज के जंगल का निरीक्षण किया। जंगल में वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए विकसित किए गए तालाबों को देखा। साथ ही पूर्व में कराए गए पौधारोपण अभियान के तहत लगाए गए पौधों का भी जायजा लिया।फील्ड डायरेक्टर बरेली से शनिवार की शाम यहां पीलीभीत टाइगर रिजर्व के मुख्यालय पर पहुंचे थे। यहां से डिप्टी डायरेक्टर को लेकर दियोरिया रेंज के जंगल में भ्रमण करते हुए कई किमी तक अधिकारियों ने पैदल गश्त की।

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तालाबों के निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने निर्देश दिए कि आसपास फलदार वृक्षों के पौधे लगवाए जाएं।साथ ही तालाब के चारों ओर बेंत व बांस का पौधारोपण कराएं। जिससे पानी पीने आने वाले वन्यजीव को छिपने का साधन सुलभ हो सके। उन्होंने रेंज कार्यालय का भी निरीक्षण किया। इस दौरान रेंजर बीके गुप्ता भी मौजूद रहे।दियोरिया रेंज के जंगल में छह तालाब विकसित किए गए हैं।गत वर्ष शाहजहांपुर के खुटार रेंज का जंगल टाइगर रिजर्व में शामिल किया जा चुका है। उस जंगल को दियोरिया रेंज से जोड़ा गया। वहां भी दो तालाब हैं।

फील्ड डायरेक्टर ने सभी तालाबों में पानी की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। एफडी व डीडी ने रेंजर को निर्देश दिए कि जंगल में गश्त लगातार प्रभावी रहनी चाहिए। साथ ही पेड़ों का अवैध कटान हुआ तो उस क्षेत्र से संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जंगल में अवैध घुसपैठ बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। रेंजर को साथ लेकर दोनों अधिकारियों ने रात में कई किमी तक तक जंगल में पैदल गश्त की।


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