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इमाम मुफ़ती खुर्शीद आलम ने अडल्ट्री पर फैसला सुनाने वाले जजों पर की आपत्तिजनक टिप्पणी

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) की तहफ्फुज-ए-शरीयत कांफ्रेंस में शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने कहा कि देश में कानून का हैजा आ गया है। फैसला सुनाने वाले जजों पर अभद्र टिप्पणी करते हुए उनकी योग्यता पर भी सवाल उठा दिया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 03:23 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 03:23 PM (IST)
इमाम मुफ़ती खुर्शीद आलम ने अडल्ट्री पर फैसला सुनाने वाले जजों पर की आपत्तिजनक टिप्पणी
इमाम मुफ़ती खुर्शीद आलम ने अडल्ट्री पर फैसला सुनाने वाले जजों पर की आपत्तिजनक टिप्पणी

बरेली(जेएनएन)। अडल्ट्री (व्यभिचार) पर रविवार को इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) की तहफ्फुज-ए-शरीयत कांफ्रेंस में शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने सुप्रीम कोर्ट के जज पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी।

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धारा 497 को लेकर आए कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश में कानून का हैजा आ गया है। जजों ने बीवी की आजादी का हवाला देकर जो फैसला दिया है, वह किसी भी धर्म को कुबूल नहीं है। हम ऐसा हिंदुस्‍तान नहीं चाहते जिसमें बाप का पता न हो। ऐसा मुल्क चाहते हैं जिसमें इंसान को यह पता हो कि उसका पिता कौन है। शहर इमाम यहीं नहीं रुके। फैसला सुनाने वाले जजों पर अभद्र टिप्पणी करते हुए उनकी योग्यता पर भी सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा कि औरत का किरदार अच्छा हो तो औलाद नेक होती है। हम शरीयत के पाबंद रहेंगे। शहर इमाम ने मुस्लिम महिलाओं की हिफाजत को लेकर तंज कसते हुए कहा कि जो अपनी बीवी को उनका हक नहीं दे सके वे मुस्लिम औरतों का रखवाले बन रहे हैैं। उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा, रोजगार के बजाय सांप्रदायिक नफरत फैलाई जा रही है। डिजिटल इंडिया बनाते बनाते ऐसा हिंदुस्‍तान बनाने पर उतर आए जिसमें इंसान को अपने पिता का ही पता न हो। 


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