बरेली में शिक्षा संसाधन बढे़, 10 विद्यालयों से जिले में हो गए 414 शिक्षा के मंदिर
जागरण संवाददाता बरेली आजादी से पहले जिले में 10 विद्यालय संचालित होते थे। उस दौर में विद्यालय
जागरण संवाददाता, बरेली : आजादी से पहले जिले में 10 विद्यालय संचालित होते थे। उस दौर में विद्यालय के प्रवेश द्वार पर पहुंचना ही अपने आप में उपलब्धि होती थी। आजादी मिलने के बाद शिक्षा का उजियारा सात दशक से लगातार फैल रहा है। वर्तमान में शिक्षा के मंदिर तक पहुंचना अब मुश्किल नहीं रह गया। कह सकते हैं कि हर एक किलोमीटर पर स्कूल संचालित होने लगे ताकि प्रत्येक वर्ग शिक्षित हो सके। वर्तमान में जिले में 414 विद्यालय संचालित हैं।
आजादी के दशक में विद्यालय में प्रवेश लेकर वहां पढ़ना आसान इसलिए भी नहीं था क्योंकि वहां पहुंचना के लिए कई किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती थी। इस स्थिति में छात्रों की संख्या तो कम होती ही थी वहीं, शिक्षक भी न के बराबर ही हुआ करते थे। देश में आजादी की फिजा घुलने के बाद शिक्षा के मंदिरों की संख्या बारी-बारी बढ़ने लगी। साथ ही शिक्षा पद्धति भी निरंतर बदलती रही। उस दौर में गणित, हिदी, उर्दू, अंग्रेजी और इतिहास ही मुख्य विषय हुआ करते थे मगर जैसे-जैसे देश ने आधुनिकता का दामन थामा उसके बाद विषयों के साथ पाठ्यक्रमों में भी बढ़ोत्तरी होती गई। पहले जहां विद्यार्थी शिक्षा व्यवस्था के अनुरूप अध्ययन करता था वहीं आज शिक्षा व्यवस्था छात्रों की जरूरत को देखकर बदल रही है। प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार मिल सके इसके लिए नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल-कालेजों में व्यवसायिक पाठ्यक्रम तक शुरू हो गए हैं।
विभागीय अधिकारी बताते हैं कि उस वक्त विद्यालय में पढ़ाई-लिखाई के संसाधन भी न के बराबर होते थे। संसाधनों के अभाव में ही छात्र अपनी मंजिल तय करते थे। कई बार स्कूलों की दूरी अधिक होने की वजह से माता-पिता बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजते थे। करीब 25-30 साल पहले इंटरनेट के आने के बाद शिक्षा पाना और किसी भी विषय को कहीं भी रहते हुए आसानी से समझ पाना भी सरल हो गया। 2047 में सर्वोच्च दर्जे की होगी शिक्षा व्यवस्था
जिला विद्यालय निरीक्षक डा. मुकेश कुमार सिंह के अनुसार जिस तरह सरकार शिक्षा की गुणवत्ता के साथ ही छात्रों को पढ़ाई की ओर से प्रेरित करने के लिए प्रयास कर रही है उस लिहाज से आने वाले वर्षों में शिक्षा व्यवस्था का दर्जा देश में सर्वोच्च होगा। नई शिक्षा नीति को जिस तरह तैयार किया गया है उसके मुताबिक 2047 तक हर दूसरा बच्चा शिक्षित होगा वहीं वह छोटी सी उम्र में ही देश-दुनिया की जानकारी रखने में सक्षम होगा। इसको ध्यान में रखते हुए समय-समय पर पाठ्यक्रमों में भी बदलाव किया जा रहा है। पांच दशक पहले चुंगी वाले के नाम से जाने जाते थे स्कूल
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी विनय कुमार ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद का गठन वर्ष 1972 में हुआ। इससे पहले यह नगर क्षेत्र के स्कूल नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय जिला पंचायत के आधीन संचालित होते थे। तब जिले में स्कूलों की संख्या सात या आठ के करीब ही रही होगी। वर्तमान में जिले में 2482 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। जिले में स्कूलों की स्थिति
वर्ष 1947 तक जिले में विद्यालयों की संख्या - 10
वर्तमान में जिले में माध्यमिक विद्यालयों की संख्या - 414
आठ अतिरिक्त माध्यमिक विद्यालय जिले में बनने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की ओर से प्रस्तावित
राजकीय इंटर कालेज- 53
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय- 78
वित्तविहीन विद्यालय - 283
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध विद्यालय - 80
सीआइएससीई से संबद्ध विद्यालय - करीब दस