अब पुलिस की चौपाल पर निपटेंगे कब्जा और मेड़ तोड़़ने के विवाद
गांवों में होने वाले मामूली विवाद किसी बड़ी घटना का रूप न ले लें इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग ने अब आपसी एकजुटता के लिए गांवों में चौपाल लगाने का अभियान शुरू करने की रणनीति तैयार की है।
बदायूं, जेएनएन। गांवों में होने वाले मामूली विवाद किसी बड़ी घटना का रूप न ले लें, इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग ने अब आपसी एकजुटता के लिए गांवों में चौपाल लगाने का अभियान शुरू करने की रणनीति तैयार की है। कादरचौक के गांव धनूपुरा और भोजपुर में पुलिस के प्रयास से अपराध छोड़ने को तैयार हुए लाेगों की तरह अन्य गांवों में भी पुलिस चौपाल लगाकर मामूली विवादों का निस्तारण कराएगी।
अभियान के तहत एक गांव में सप्ताह भर में एक बार सीओ तो पांचवें दिन थाना प्रभारी ग्रामीणों के बीच रात्रि चौपाल लगाएंगे। हालांकि कोरोना काल चल रहा है इसलिए शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए इस अभियान की शुरूआत की जा रही है।थानों पर अधिकांश मामले जमीन पर कब्जा और मेड़ तोड़ने के पहुंचते हैं। इसमें पुलिस अगर पुलिस गंभीरता नहीं बरते तो कई बार इन मामूली विवाद के चलते खून-खराबा हो जाता है। खूनी घटनाएं होने पर कानून-व्यवस्था बिगड़ती है तो पुलिस और प्रशासन को काफी मशक्कत उठानी पड़ती है। इसके बाद भी हर बड़ी घटना में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठते हैं।
इधर, इन विवादों के चलते गांवों में पार्टीबंदी शुरू हो जाती है तो पेशबंदी के मामले भी सामने आने लगते हैं। अब पंचायती चुनाव की चर्चाएं गांवों में तेज होने लगी हैं तो प्रधान पद के संभावित प्रत्याशी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने को किसी भी साजिश को रच सकते हैं। ऐसे मामलाें पर ध्यान देते हुए अब गांव में ही उन विवादों को निपटाने के साथ ही एक दूसरे के बीच एकजुटता बढ़ाने के लिए पुलिस प्रशासन ने पहल शुरू की है। वर्जन ...गांवों में चौपाल लगाकर मामूली विवादों को निपटाने की योजना तैयार की जा रही है। पुलिस विभाग की इस पहल के बाद मामूली विवाद बड़ी घटनाओं का रूप नहीं ले पाएंगे। - सिद्धार्थ वर्मा, एसपी देहात