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अब गन्ना किसानों को ऑनलाइन घोषणा पत्र भरना होगा, बरेली में ऐसा पहली बार हो रहा, जानें किसानों को इससे क्या लाभ होगा

पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ना क्षेत्रफल के आंकलन के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति सोमवार को जारी कर दी गई। इस बार सर्वेक्षण नीति में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देते हुए पहली बार गन्ना किसानों को ऑनलाइन घोषणा पत्र भरना होगा।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 11:45 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 11:45 AM (IST)
अब गन्ना किसानों को ऑनलाइन घोषणा पत्र भरना होगा, बरेली में ऐसा पहली बार हो रहा, जानें किसानों को इससे क्या लाभ होगा
पेराई सत्र 2021-22 के लिए 30 सितंबर 2021 तक बनाए गए सदस्यों को ही गन्ना आपूर्ति की सुविधा होगी।

बरेली, जेएनएन। पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ना क्षेत्रफल के आंकलन के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति सोमवार को जारी कर दी गई। इस बार सर्वेक्षण नीति में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देते हुए पहली बार गन्ना किसानों को ऑनलाइन घोषणा पत्र भरना होगा।गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने सर्वे कार्य में पारदर्शिता और गन्ना किसानों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के तहत विकसित ईआरपी में हैंड हेल्ड कंप्यूटर डिवाइस (एचएचसी) के माध्यम से जीपीएस सर्वे कराया जाएगा। यह कार्य एक मई से शुरू होकर 30 जून तक होगा। गन्ना किसानों को उनके बोये गए क्षेत्रफल के संबंध में वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन घोषणा पत्र अपलोड करने की सुविधा दी गई है। घोषणा पत्र के प्रारूप को भी सरलीकृत किया गया है। घोषणा पत्र के साथ अपनी एवं गाटा संख्या की पहचान के लिए गन्ना किसानों को आधार कार्ड एवं राजस्व खतौनी की स्व प्रमाणित प्रति भी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। पेराई सत्र 2021-22 के लिए 30 सितंबर 2021 तक बनाए गए सदस्यों को ही गन्ना आपूर्ति की सुविधा होगी। अनुमन्य तथा उपज बढ़ोत्तरी के लिए आवेदन पत्र 30 सितंबर 2021 तक आवेदन दिए जा सकेंगे।

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