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मेडिकल वेस्ट निस्तारण में लापरवाही पर बरेली के सात अस्पतालों को जारी किया गया नोटिस

कोरोना काल में शहर के अस्पतालों की मनमानी का एक और मामला सामने आया है। सेहत सुधारने का दम भरने वाले अस्पताल सामान्य कूड़े में मेडिकल वेस्ट मिलाकर संक्रमण बांटने का भी काम करते रहे। नगर निगम ने ऐसे अस्पतालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 03:30 PM (IST)
मेडिकल वेस्ट निस्तारण में लापरवाही पर बरेली के सात अस्पतालों को जारी किया गया नोटिस
नगर निगम ने सातों अस्पतालों पर लगाया 50-50 हजार रुपये का जुर्माना।

बरेली, जेएनएन। कोरोना काल में शहर के अस्पतालों की मनमानी का एक और मामला सामने आया है। सेहत सुधारने का दम भरने वाले अस्पताल सामान्य कूड़े में मेडिकल वेस्ट मिलाकर संक्रमण बांटने का भी काम करते रहे। नगर निगम ने ऐसे आधा दर्जन से अधिक अस्पतालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की है। सामान्य कूड़े में मेडिकल कचरा मिलाने वाले सात अस्पतालों को नोटिस जारी कर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही कार्रवाई की प्रति प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी उपलब्ध करा दी है। ऐसे में इन अस्पतालों पर गाज गिरने की संभावना बन गई है।

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नगर निगम ने शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए तमाम एजेंसियों को लगाया हुआ है। घरों के साथ ही अस्पतालों समेत तमाम अन्य भवनों से एजेंसियों के माध्यम से ही कूड़ा उठाया जा रहा है। बीते दिनों कोरोना काल के दौरान अस्पतालों में लापरवाही का आलम चरम पर रहा। अस्पतालों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाले एजेंसियों को दिए जाने वाले सामान्य कूड़े में काफी मात्रा में मेडिकल वेस्ट मिलाकर दिया जा रहा था। उसमें अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाले नुकीले आइटम, रुई, पट्टी, इंजेक्शन समेत तमाम अन्य कचरा डाल रहे थे। डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली एजेंसियों ने मेडिकल वेस्ट मिलाए जाने की जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को दी। इस पर अधिकारियों ने जांच कराई तो काफी मात्रा में अस्पतालों से निकलना वाला वेस्ट सामान्य कूड़ा में मिला पाया। तब उन अस्पतालों के खिलाफ नोटिस देकर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

इन अस्पतालों पर की गई कार्रवाई : पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान ने बताया कि सैदपुर हाकिंस स्थित स्मार्ट सिटी हास्पिटल, इंग्लिशगंज स्थित कस्तूरी नर्सिंग होम, पीलीभीत बाइपास स्थित मेडिसिटी अस्पताल, स्टेडियम रोड स्थित केयर हास्पिटल, पटेल हास्पिटल, प्रकाश हास्पिटल और साईं अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है। इन अस्पतालों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। बायो मेडिकल वेस्ट रूल 2018 के तहत अस्पतालों से निकलने वाले कूड़े को सामान्य कूड़े में फेंकना नियम विरुद्ध है। इसकी जानकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी उपलब्ध कराई है। अगर फिर भी अस्पताल नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।

परसाखेड़ा में दो उद्योगों पर कूड़ा जलाने में कार्रवाई : नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) ने कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हुए हैं। इस पर नगर निगम ने परसाखेड़ा स्थित औद्योगिक क्षेत्र की दो फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की है। पर्यावरण अभियंता के अनुसार वहां साई सोया और जय माता दी टाफी फैक्ट्री द्वारा निगम की अधिकृत कूड़ा कलेक्शन एजेंसी को कूड़ा न देकर फैक्ट्री परिसर में ही कूड़ा जलाया जा रहा था। इसकी जानकारी मिलने पर दोनों फैक्ट्रियों के खिलाफ पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट :  बरेली कालेज के वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव का कहना है कि मेडिकल बायोवेस्ट को सामान्य कचरा में मिलाकर फैंकने से भूमि को भी नुकसान होता है। मिट्टी में मौजूद माइक्रोफोरा तत्व की हानि होती है। यह तत्व मिट्टी को उपजाऊ बनाता है। भूमि बंजर होती है। वातावरण के लिए लाभदायक बैक्टीरिया खत्म होते हैं। संक्रामक रोगों के फैलाने वाले बैक्टीरिया पनप जाते हैं। ऐसा कचरा बीमारियों को फैलाने वाला। जबकि मिट्टी की गुणवत्ता को खत्म करने वाला होता है। ज्यादा समय तक एक ही जगह पर मेडिकल बायो वेस्ट पड़ा रहने से मिट्टी में माैजूद माइक्रोफोरा बिल्कुल खत्म हो जाता है। यह बहुत नुकसानदायक है। 


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