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दोनों तरफ चलने लगा काम, बिगड़े सारे इंतजाम

लाल फाटक पर पुल निर्माण कर रही संस्था सेतु निगम के लिए चौबारी मेला बड़ी चुनौती बनेगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 10:33 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 02:25 AM (IST)
दोनों तरफ चलने लगा काम, बिगड़े सारे इंतजाम
दोनों तरफ चलने लगा काम, बिगड़े सारे इंतजाम

जागरण संवाददाता, बरेली: लाल फाटक पर पुल निर्माण कर रही संस्था सेतु निगम के लिए चौबारी मेला बड़ी चुनौती बनेगा। दोनों ओर काम शुरू हो जाने की वजह से ट्रैफिक को निकालने के लिए किए जाने वाले इंतजाम फेल होने लगे हैं और उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है।

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लाल फाटक पर सोमवार को भी पुल निर्माण का काम जारी रहा, लेकिन फाटक के दोनों तरफ कहीं भी बड़े वाहन प्रतिबंधित का बोर्ड नजर नहीं आया। यहां पिछले सप्ताह एक दुर्घटना हुई, जिसमें एक महिला की मौत हुई। इस पर क्षेत्रीय लोगों की मांग पर एसपी ट्रैफिक ने तुरंत ही रूट डायवर्जन के निर्देश दिए, लेकिन आज तक सेतु निगम के इसके बोर्ड नहीं बनवाए है। इससे आम लोगों को भी रूट डायवर्जन की जानकारी हो सके। सेतु निगम ने अब लाल फाटक पर कैंट क्षेत्र की तरफ भी निर्माण शुरू करा दिया है, जिससे वह अपने हिस्से का काम तेजी से निबटा सकें। फाटक पर दोनों तरफ काम चलने का सबसे अधिक नुकसान चौबारी मेला और गंगास्नान को आने वाले भक्तों को उठाना पड़ेगा, क्योंकि पुल निर्माण होने से यहां निकलने को जगह बहुत कम बची है। कैंट क्षेत्र की तरफ तो सड़क फिर भी चलने लायक है, लेकिन फाटक पार स्थिति काफी खराब है। यहां सड़क में अभी भी गड्ढे हैं, जिन्हें सोमवार तक नहीं भरवाया गया है। ककोड़ा मेला जाने वाले भक्त भी होंगे परेशान

कार्तिक पूर्णिमा पर जिले के ग्रामीण लोग जहां चौबारी मेले में जाना पसंद करते हैं। वहीं शहर के लोग बदायूं जिले में लगने वाले ककोड़ा मेला में जाना पसंद करते हैं। इस मेले में भी लोग अपने परिवार के साथ दो से तीन दिन रूकने के हिसाब से जाते हैं। इनके गुजरने का भी एक प्रमुख रास्ता यही मार्ग है, जिससे इन्हें भी परेशानी होगी। ट्रक ऑपरेटर्स ने की नो एंट्री खत्म करने की मांग

दि बरेली ट्रक ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी सोमवार को कमिश्नर, डीएम, एसएसपी से मिले। उन्होंने तीनों अफसरों को एक ही ज्ञापन दिया, जिसमें उन्होंने सेटेलाइट से चौकी चौराहा, लाल फाटक होते चनेहटी रेलवे साइडिंग तक ट्रकों की पूर्ण नो एंट्री पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि रेलवे साइडिंग पर रैक लगने के बाद खाली करने को नौ घंटे का समय मिलता है। सर्दी में लेबर भी रात में काम नहीं करना चाहती। ऐसे में यह नो एंट्री काफी कड़ी है। इससे उनका ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय ठप हो रहा है। उन्होंने मांग की कि यह नो एंट्री खत्म की जाए। इस मौके पर महामंत्री संदीप गुप्ता, शिव मोहन माहेश्वरी, संजीव शर्मा, केपी सिंह यादव, ऋषि गुप्ता, बलदेव भसीन, आशु तायल आदि मौजूद रहे।


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