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बरेली में कोरोना मरीजों की जांच कर रहे नॉन कोविड अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग को जानकारी ही नहीं

शहर के नॉन कोविड अस्पतालों में कोरोना काल के दौरान मनमानी पूरी तरह हावी है। इन अस्पतालों में चौंकाने वाली बात सामने आई है। नॉन कोविड अस्पताल होने के बावजूद यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है। कोरोना के लक्षण के बावजूद कोविड अस्पताल नहीं भेजा जा रहा।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 05:31 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 05:31 PM (IST)
बरेली में कोरोना मरीजों की जांच कर रहे नॉन कोविड अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग को जानकारी ही नहीं
बुखार, खांसी-जुकाम के लक्षणों वालों को भर्ती कर किया जा रहा इलाज।

बरेली, जेएनएन। शहर के नॉन कोविड अस्पतालों में कोरोना काल के दौरान मनमानी पूरी तरह हावी है। इन अस्पतालों में चौंकाने वाली बात सामने आई है। नॉन कोविड अस्पताल होने के बावजूद यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है। कोरोना के लक्षणों के बावजूद इन अस्पतालों से मरीजों को कोविड अस्पताल नहीं भेजा जा रहा है। इन संक्रमित मरीजों से अन्य मरीजों और अस्पताल में आने वाले तीमारदारों में भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

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जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए दो लेवल थ्री हास्पिटल, दो लेवल टू अस्पताल बनाए गए हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या के कारण यहां 16 निजी अस्पतालों को भी कोविड अस्पताल बनाया गया। इन अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के लिए अलग बेड, आक्सीजन, वेंटीलेटर समेत अन्य इंतजाम किए हुए हैं। शहर में ढाई सौ से अधिक छोटे-बड़े अस्पताल हैं। पूरे कोरोना काल में तमाम लोगों में कोरोना जैसे लक्षण आए। खांसी-जुकाम, बुखार होने के बावजूद नॉन कोविड अस्पतालों में ऐसे मरीजों का इलाज किया गया। नॉन कोविड अस्पताल लगातार ऐसे मरीजों को भर्ती कर रहे हैं। अस्पतालों में अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज के साथ ही संक्रमित या कोविड जैसे लक्षणों वाले मरीजों को भी इलाज दिया जा रहा है।

कोविड जांच के बाद भी नहीं कर रहे रिपोर्ट : शहर में चल रहे तमाम नॉन कोविड अस्पतालों में कोरोना काल में मरीजों की संख्या पहले से कम हो गई। गंभीर मरीज ही वहां इलाज कराने पहुंच रहे हैं। ऐसे में तमाम अस्पताल ऐसे हैं, जो मरीजों की एंटीजन किट से कोरोना की जांच भी कर रहे हैं। ये अस्पताल कोरोना जैसे लक्षणों वाले मरीजों की जांच करने के साथ इलाज भी शुरू कर देते हैं, लेकिन इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को नहीं दे रहे हैं। कई डाक्टर अपने ही आब्जर्वेशन में संक्रमितों को होम आइसोलेशन की सलाह देकर इलाज शुरू कर देते हैं। मरीज गंभीर होने पर अस्पताल में भी भर्ती कर रहे हैं।

इन क्षेत्रों से आ रही शिकायतें : कोरोना के लक्षण वाले या संक्रमित मरीजों के इलाज करने की तमाम अस्पतालों की शिकायत आ रही हैं। इसमें मिनी बाइपास, पीलीभीत बाइपास स्थित, बदायूं रोड स्थित, नैनीताल रोड के पास, लखनऊ रोड, रामपुर रोड स्थित अस्पताल शामिल हैं। बीच शहर में कुछ अस्पतालों में यही हो रहा है। तमाम ऐसे लोग जो खुद को कोरोना संक्रमण होना नहीं बताना चाहते, वे भी इन अस्पतालों में जा रहे हैं।

अस्पतालों में सामने आए केस

केस 1. पुलिस लाइंस के एक सिपाही की पत्नी की तबीयत खराब होने पर सुभाषनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला को कोरोना संक्रमण बताया गया था। नॉन कोविड अस्पताल में करीब 10 दिन महिला का इलाज चला। इलाज के दौरान ही महिला की मौत हो गई।

केस 2. मिनी बाइपास स्थित एक निजी अस्पताल में सोनू ने अपनी पत्नी को भर्ती कराया था। महिला में कोरोना के सभी लक्षण थे। जांच में उन्हें कोरोना बताया गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार को महिला की मौत हो गई। यह अस्पताल भी कोविड अस्पताल नहीं था।

क्या कहते हैं अधिकारी : सीएमओ सुधीर कुमार गर्ग ने बताया कि नॉन कोविड अस्पतालों में किसी भी कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज किए जाने की अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर कोई शिकायत करता है तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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