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बरेली में हुई चार कोविड मौतों पर जमकर बरसे नोडल अधिकारी, दिए जांच के आदेश

नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने जिला प्रशासन को मामले की जांच के आदेश दिए। साथ ही डीएम को सर्वे कार्य की बारीकी से मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 08:28 AM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 08:28 AM (IST)
बरेली में हुई चार कोविड मौतों पर जमकर बरसे नोडल अधिकारी, दिए जांच के आदेश
बरेली में हुई चार कोविड मौतों पर जमकर बरसे नोडल अधिकारी, दिए जांच के आदेश

बरेली, जेएनएन। जिले में कोरोना संदिग्धों की तलाश के लिए बीते तीन माह से चल रहा सर्वेक्षण सर्वे बीते कुछ दिनों से फेल साबित हो रहा है। हाल ही में जिन चार कोरोना संक्रमितों की मौत हुई, वह घर पर ही थे और बीमार भी थे। लेकिन सर्वे टीम उन्हें चिन्हित नहीं कर सकी। कुछ संक्रमित सीधे अस्पताल पहुंचे और वहां जांच में वह कोविड पॉजिटिव आए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई है। इस पर नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने जिला प्रशासन को मामले की जांच के आदेश दिए। साथ ही डीएम को सर्वे कार्य की बारीकी से मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए।

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समीक्षा बैठक के दौरान सोमवार को नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने जिले में हो रही मौतों के बारे में जानकारी ली। बताया गया कि हर रोज एक दो मौत हो रही हैं। इस पर उन्होंने 30 अगस्त को हुई मौत का विवरण लिया। जिसमें पाया कि सुभाष नगर के रहने वाले हरिमोहन में 16 अगस्त को लक्षण दिखाई दिए थे। इसके बाद उन्हें सीधे कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया। करीब आठ दिन बाद उनका सैंपल लिया गया, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। नोडल अधिकारी ने पूछा कि जब हरिमोहन को लक्षण पहले से थे तो वह सर्वे में कैसे छूट गए। वह उसी समय सामने आते तो और पहले से इलाज मिल सकता था।

कहाकि ऐसा पहला मामला नहीं है, पहले भी लोग घर में बीमार थे और सर्वे में सामने नहीं आए।यह स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में मरीज गंभीर होने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिससे उन्हें बचाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी नितीश कुमार को इस संबंध में मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए। कहाकि यह सुनिश्चित करें कि सर्वे के दौरान अगर किसी में लक्षण न पाएं जाएं तो उस घर में सर्वे टीम अपना और कोविड कमांड सेंटर, कंट्रोल रूम का नंबर देकर आएं। जिससे आगे अगर किसी को परेशानी हो तो वह संपर्क कर समय से इलाज ले सके। कहाकि हर व्यक्ति की जान बहुमूल्य हैं, लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यह तीन केस बता रहे हकीकत

केस- 1 : सुभाष नगर के हरिमोहन की तबियत खराब होने के बाद उन्हें सर्वे टीम चिन्हित नहीं कर सकी। वह खुद अस्पताल पहुंचे और दस दिन इलाज के बाद उनकी मौत हो गई।

केस- 2 : प्रेमनगर के सतीश चंद्र की तबियत पहले से खराब थी। लेकिन सर्वे टीम को जानकारी नहीं दी गई। उन्हें भी स्वजन सीधे कोविड अस्पताल ले गए। जहां चार दिन बाद उनकी मौत हो गई।

केस- 3 : जगतपुर निवासी रामचंद्र के घर सर्वे टीम पांच दिन पहले गई। आशा ने उनके स्वजनों से सभी के बारे में जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि सब ठीक हैं। इसके बाद राम चंद्र की तबियत बिगड़ी एंटीजन टेस्ट हुआ, पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।

दरवाजे तक होकर लौट रहीं टीमें

समीक्षा बैठक के दौरान नोडल अधिकारी ने कहा कि सर्वेक्षण करने वाली टीमें दरवाजे तक होकर ही लौट रही हैँ। वह घर के हर स्दस्य को देखें और उनकी जानकारी लें। जिससे उनकी नजर में हर व्यक्ति हो, संदिग्ध दिखाई देने पर उनकी जांच कराई जा सके। 13 लाख लोगों तक पहुंच चुकी टीम जिले भर में सर्विलांस सर्वे के लिए 980 टीमें बनाई गईं थीं। जिले के सभी क्षेत्रों में इन टीमों ने पहले चक्र का सर्वे जुलाई माह में ही पूरा कर लिया था। जिसमें 15 लाख घरों का सर्वे किया गया था। इसके बाद दूसरे चक्र का सर्वे किया गया जिसमें अब तक 13 लाख से लोगों तक टीम पहुंच चुकी है। जिसमें 14512 लोग संदिग्ध पाए गए, जिसमें 14458 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।


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