हमें चाहिए पार्किंग : बाजार में नहीं फुटपाथ की जगह, दुकान व सड़क के बीच सिर्फ नाली Bareilly News
यह बाजार श्यामगंज से सीधे कुतुबखाना और साहूकारा किला जाने वाले मार्ग पर है। लकड़ी हार्डवेयर फुटवियर की दुकानों से इसकी पहचान है तो मीना बाजार और बताशे वाली गली भी जुड़ी हैं।
बरेली, जेएनएन : बांस मंडी। शहर के पुराने और व्यस्त बाजारों में से एक है। यह बाजार अब जाम और संकरे रास्ते के लिए से पहचाना जा रहा है। वजह है पूरे बाजार में कहीं पार्किंग की जगह ही नहीं है। ग्राहक ही नहीं, दुकानदारों के वाहन भी सड़क पर खड़े होते हैं। स्कूल, कॉलेज की छुट्टी के वक्त तो बाजार रेंगता भी और कराहता भी। पैदल निकलना भी मुश्किल होता है। फिर भी अफसर आज तक यहां पर पार्किंग की सुविधा नहीं दिला सके हैं।
यह बाजार श्यामगंज से सीधे कुतुबखाना और साहूकारा, किला जाने वाले मार्ग पर है। लकड़ी, हार्डवेयर, फुटवियर की दुकानों से इसकी पहचान है तो मीना बाजार और बताशे वाली गली भी जुड़ी हैं। एकमात्र राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज भी इसी सड़क पर है। अस्पताल में जरूर थोड़ी पार्किंग है, जिसमें अस्पताल स्टाफ और मरीजों के वाहन ही खड़े हो पाते हैं। इसके अलावा कहीं भी पार्किंग की सुविधा, विकल्प नहीं है।
बाजार में है 400 से अधिक दुकानें
बाजार में लगभग चार सौ से अधिक दुकानें है। जिस नाम से यह बाजार है, उस बांस की महज छह दुकानें ही हैं। लकड़ी की टाल और दुकानें डेढ़ सौ से अधिक है। हार्डवेयर, कारपेट, तिरपाल आदि की भी डेढ़ सौ तक दुकानें हैं। 13 दुकानें पतंग-मांङो की हैं। फुटवियर की सात दुकानें हैं।
पुराना बाजार होने के नाते यहां तो पहले ही पार्किंग बन जाती लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। - आसिम हुसैन, बांस कारोबारी
बाजार में चार सौ से ज्यादा दुकानदार हैं तो इससे ज्यादा वाहन यहां पहुंचते हैं। यहां वाहनों के खड़े होने का इंतजाम होना चाहिए। - अश्विनी कुमार, व्यापारी