पीलीभीत की अमरिया तहसील में रजिस्ट्री बैनामा की अब तक नहीं सुविधा, किसान हो रहे परेशान
राशन कार्ड आय जाति प्रमाण पत्र धारा 151 तथा 107/116 की जमानत आदि काम अमरिया तहसील से ही निपट जाता है लेकिन जमीन के बैनामा रजिस्ट्री आदि के लिए क्षेत्रीय लोगों को अभी भी जिला मुख्यालय जाना पड़ रहा है।
पीलीभीत, जेएनएन। अमरिया तहसील मुख्यालय बने हुए चार वर्ष का समय होने जा रहा है। सपा शासनकाल में दिसंबर 2016 में नई तहसील का दर्जा मिला था। नहर कैनाल सिंचाई विभाग की कोठी में मुख्यालय बनाया गया। तब से उसी भवन में तहसील का कामकाज संचालित हो रहा है। इससे क्षेत्र वासियों को कुछ लाभ जरूर हुआ है। राशन कार्ड, आय, जाति प्रमाण पत्र, धारा 151 तथा 107/116 की जमानत आदि काम तहसील से ही निपट जाता है लेकिन जमीन के बैनामा रजिस्ट्री आदि के लिए क्षेत्रीय लोगों को अभी भी जिला मुख्यालय जाना पड़ रहा है। पहले छोटे छोटे काम के लिए जिला मुख्यालय चक्कर लगाना पड़ते थे। जिससे समय के साथ साथ पैसा भी अधिक खर्च होता लेकिन अभी भी समुचित लाभ से क्षेत्र वासी वंचित हैं। जमीनों की रजिस्ट्री बैनामा आदि के लिए अभी भी जिला मुख्यालय जाना पड़ता है जिसमें पूरा दिन बर्बाद होता है। तहसील का दर्जा तो मिल गया लेकिन अभी रजिस्ट्री कार्यालय की दरकार है। जिससे सारी सहूलियत तहसील मुख्यालय पर ही मिल जाएगी। अभी तक जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या पर कोई गौर नहीं किया है। जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते अभी तक तहसील मुख्यालय को अपना भवन भी नसीब नहीं हुआ है। यहां के दीदार सिंह कहते हैं कि तहसील का दर्जा मिले हुए चार वर्ष का समय होने जा रहा है। जब तहसील बन गई तो रजिस्ट्री बैनामा आदि की सुविधा भी मिलनी चाहिए। मुहम्मद इरफान का कहना है कि तहसील मुख्यालय बनने से क्षेत्र वासियों को सुविधाएं तो हुई हैं। राशनकार्ड प्रमाणपत्र आदि के काम तहसील मुख्यालय से ही हो जाते हैं। पहले छोटे कार्यो के लिए भी जिला मुख्यालय जाना पड़ता था। रियाज खान कहते हैं कि जमीन की रजिस्ट्री बैनामा आदि की सुविधाएं भी तहसील मुख्यालय पर होना चाहिए। जिससे लोगों को पूरी सहूलियत हो जाएगी। प्रिंस भुल्लर कहते हैं कि तहसील मुख्यालय पर अभी भी पूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। रजिस्ट्री कार्यालय की आवश्यकता है। बैनामा आदि लिखने के लिए कातिब बैठना चाहिए। जिससे जमीन के सारे कार्य तहसील मुख्यालय पर ही निपट जाए।