बरेली में नहीं लगेगा रात्रि कर्फ्यू
बढ़ते कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने बरेली समेत सभी जिलों के डीएम को कोविड प्रसार का आंकलन करने के बाद रात्रि कर्फ्यू लगाने के निर्देश दिए। डीएम नितीश कुमार ने बरेली के विकास के प्रोजेक्ट का हवाला देते हुए रात्रि कर्फ्यू से फिलहाल इन्कार किया है।
बरेली, जेएनएन: बढ़ते कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने बरेली समेत सभी जिलों के डीएम को कोविड प्रसार का आंकलन करने के बाद रात्रि कर्फ्यू लगाने के निर्देश दिए। डीएम नितीश कुमार ने बरेली के विकास के प्रोजेक्ट का हवाला देते हुए रात्रि कर्फ्यू से फिलहाल इन्कार किया है। डीएम का यह फैसला व्यापारियों को राहत देने वाला है।
कोविड संक्रमण का प्रसार बढ़ रहा है। योगी आदित्यनाथ ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें जिला प्रशासन को स्थानीय प्रतिबंध लागू करने के अधिकार मिले हैं। यह गाइडलाइन पहली दिसंबर से लागू हो गई है। डीएम नितीश कुमार ने बरेली में धारा 144 को 31 दिसंबर तक के लिए पहले ही लागू किया हुआ है। उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण में अपेक्षाकृत कमी आई है। ऐसे में लोगों को मास्क लगाने, स्वच्छता और दो गज की दूरी का पालन सख्ती से कराया जाएगा। लापरवाही मिलने पर जुर्माना वसूला जाएगा। उन्होंने बताया कि व्यस्त बाजार, साप्ताहिक बाजार, सार्वजनिक परिवहन में शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए एसएसपी कार्यालय को भी लिखा गया है। कंटेनमेंट जोन के अंदर और बाहर किसी भी प्रकार के आवागमन पर प्रतिबंध रखा जाएगा। वर्जन
शासन की गाइडलाइन मिली है। फिलहाल रात्रि कर्फ्यू नहीं लगाया जाएगा। मास्क, स्वच्छता और दो गज दूरी को सख्ती से लागू कराया जाएगा।
- नितीश कुमार, डीएम
00 नंबर पर संदिग्धों के नाम चढ़ाने पर प्रमुख सचिव ने मांगा जवाब
बरेली, जेएनएन : कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग के कई फर्जीवाड़े सामने आ चुके हैं।अब काल्पनिक नंबरों पर संदिग्धों के नाम चढ़ाने का मामला सामने आया है। दैनिक जागरण ने सोमवार को इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जागरण की खबर को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य ने ट्वीट कर सरकार को घेरा। इसके बाद प्रमुख सचिव ने मामले में सीएमओ से जवाब तलब किया है।
शासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को प्रतिदिन तीन हजार सैंपल करने का लक्ष्य दिया गया है। इसे आरटीपीसीआर और एंटीजन के सैंपल मिलाकर पूरा करना होता है। जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से शासन को भेजी जा रही रिपेार्ट में प्रतिदिन तीन हजार से अधिक सैंपल किए जाना बताया जा रहा है। लेकिन स्थिति इसके ठीक विपरीत है। जिले में शासन को भेजे जाने वाली रिपोर्ट से सैकड़ों, हजारों सैंपल कम हो रहे हैं और फर्जी रिपोर्ट भेजी जा रही है। कुछ दिन पहले एक विभागीय अधिकारी ने दस बार जीरो नंबर डालकर पोर्टल पर चेक किया तो चौकाने वाले परिणाम सामने आए थे। इसमें करीब 965 लोगों के रजिस्ट्रेशन किए गए थे। इसी तरह से एक से नौ अंक तक के नंबरों पर भी कई रजिस्ट्रेशन थे। सोमवार के अंक में दैनिक जागरण ने जिले में फर्जी सैंपलिग होने की आशंका जताते हुए खबर प्रकाशित की। इस पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने ट्वीट कर सरकार को घेरा। देर शाम मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव ने भी दैनिक जागरण की खबर का संज्ञान लिया। कुछ देर बाद ही प्रमुख सचिव ने पूरे मामले में सीएमओ से जवाब तलब किया है। वर्जन
सीएम और प्रमुख सचिव की ओर से इस मामले में जवाब तलब किया गया है। इसे लेकर जिला सर्विलांस अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है। उनके अनुसार यह मलिन बस्ती और ठेली व फेरी लगाने वाले लोग हैं। जिनके नंबर न होने पर पोर्टल पर जीरो अपडेट कर दिया गया।
- डा. विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ