खजुरिया से ताजिये निकलने पर नहीं बन सकी सहमति
प्रशासन ने ग्रामीणों के साथ बैठक की लेकिन खजुरिया गांव से मुहर्रम के ताजिये निकलने पर सहमति नहीं बन सकी।
जेएनएन, बरेली : प्रशासन ने ग्रामीणों के साथ बैठक की लेकिन खजुरिया गांव से मुहर्रम के ताजिये निकलने पर सहमति नहीं बन सकी। विवाद का हल नहीं हो सका। इसके बाद जहां ताजिये को लेकर तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इससे अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं। हालांकि, शांतिक पूर्व ताजिया निकलवाने की कोशिशें अभी भी जारी हैं।
यह है असहमति की असल वजह
सावन में खजुरिया ब्रह्मानान में कांवड़ निकलने को लेकर विवाद उठा था। तब से गांव वाले नाराज हैं। अब गांव से मुहर्रम पर ताजिये निकाले जाने हैं, लेकिन सहमति न बनने से प्रशासन और पुलिस के अफसरों की नींद उड़ी है।
एडीएम ने की बैठक
सोमवार को एडीएम प्रशासन रामसेवक द्विवेदी, एसपी सीटी अभिनंदन सिंह, एसडीएम सदर एमपी सिंह, सीओ तृतीय अशोक कुमार मीणा की मौजूदगी में तीसरी बार थाने में बैठक हुई। पाच गांवों कलारी, चन्द्रपुर बिचपुरी, कनथरिया, सिमरा और खजुरिया ब्रह्मनान से लोगों को बैठक में बुलाया था। अधिकारियों ने पहले गांव वालों के सामने अपना प्रस्ताव रखा, फिर सहमति बनाने का प्रयास किया, लेकिन कोशिशें किसी नतीजे पर नहीं पहुंचीं। उमरिया से कांवड़ यात्रा न निकलने से नाराज खजुरिया के लोग ताजिया निकलने के लिए राजी नहीं हो रहे हैं।
खजुरिया से अकेले ग्रामीण ने भरी हुंकार
प्रशासन की इस बैठक को ग्रामीणों ने बहुत तवज्जो ही नहीं दी। कनथरिया से कोई नहीं आया तो सिमरा से केवल प्रधान पुत्र आए। खजुरिया से केवल होते लाल ही पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की ओर से दो-टूक कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए खजुरिया के ताजिये नहीं निकलने देंगे। वहीं, एडीएम प्रशासन का कहना है कि कोई न कोई हल निकल आएगा।
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दूसरा विकल्प तलाश रहा है प्रशासन
कलारी और चंदपुर बिचपुरी के ताजिये सिमरा और खजुरिया होकर उमरिया में दफन होते हैं। बातचीत से हल न निकलने पर प्रशासन दूसरे विकल्प भी तलाश कर रहा है। अब कोशिश की जा रही है कि कलारी और चन्द्रपुर वाले अपने गाव में ही ताजिये दफन कर लें, लेकिन यहां भी रोड़ा अटक गया। इन दोनों गांव के दूसरे समुदाय के लोगों का कहना है की वह अपने यहां ताजिये दफन नहीं होने देंगे। उनका कहना है की यह लोग ताजिये उमरिया में ही दफन करते रहे हैं। हम अपने गाव में नई परम्परा नहीं पड़ने देंगे।
2250 लोग मुचलका पाबंद
मुहर्रम पर खुराफात न हो, इसके लिए पुलिस पहले से ही कार्रवाई में जुट गई। अब तक 21 पर गुंडा व 88 पर मिनी गुंडा एक्ट लगाई गई है। 2250 को मुचलका पाबंद कर दिया है।