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बैरियर न डायर्जन, रास्ते में बिखेर दी बजरी

नगर निगम ने पहली आदर्श सड़क बनाना शुरू की, उस डीडीपुरम क्षेत्र में जोकि पॉश कॉलोनियों का इलाका गिना जाता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 12:49 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 12:49 AM (IST)
बैरियर न डायर्जन, रास्ते में बिखेर दी बजरी
बैरियर न डायर्जन, रास्ते में बिखेर दी बजरी

जेएनएन, बरेली: नगर निगम ने पहली आदर्श सड़क बनाना शुरू की, उस डीडीपुरम क्षेत्र में जोकि पॉश कॉलोनियों का इलाका गिना जाता है। चुना उस सड़क को जोकि पहले ही किसी फोरलेन से कम चौड़ी नहीं थी। खैर, सड़क का चयन और काम शुरू कर दिया गया मगर निर्माण में जो लापरवाही की जा रही वह राहगीरों की मुसीबत बनी हुई है। शहीद स्तम्भ से शील चौराहा तक बन रही इस सड़क के दोनों सिरे उधड़े दिए लेकिन राहगीरों का ध्यान आकर्षित करने के लिए चेतावनी बोर्ड तक कहीं नहीं लगाए गए। सड़क पर रेता-बजरी बिखरा पड़ा है। उसी से वाहन सवार गुजर रहे। चूंकि कोई चेतावनी बोर्ड नहीं है इसलिए तो दोपहिया वाहन बेफिक्री से तेज आता है, इस बजरी पर गिरकर चोटिल हो जाता है। जरूरत तो यह भी थी कि रूट डायवर्ट कर दिया जाए मगर उस पर भी गौर नहीं किया गया।

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गुरुवार को इस सड़क पर आवाजाही रोकने की औपचारिकता भर की गई। बैरिकेडिंग का इंतजाम तक नहीं हो सक। सड़क पर दो बांस रख दिए, वे भी ठीक से बंधे नहीं होने के कारण राहगीरों को पता तक नहीं चला कि रास्ता बंद किया गया है।

रास्ते में मिक्सर मशीन खड़ी कर रोक रहे रास्ता

सड़क निर्माण के लिए जरूरी है कि पहले चेतावनी बोर्ड लगे, इसके बाद बैरियर लगाकर रास्ता बंद किया जाए। मगर इस रोड पर यह सारे काम जुगाड़ से किए जा रहे। जहां पर बांस रख दिए गए, उसके कुछ आगे मिक्सर की मशीन को सड़क के बीच में खड़ा कर दिया गया। ताकि वाहन सवार न आएं। बीच सड़क पर ही मजदूर यहां सरिया तोड़ते दिखे।

बिना हेलमेट ही काम कर रहे हैं मजदूर

यहां से थोड़ा आगे पुलिस चौकी को जाने वाले रास्ते से पहले नाला निर्माण को खोदाई चल रही थी। यहां सुरक्षा उपकरणों के नाम पर सिर्फ जूते पहने हुए थे, लेकिन हेलमेट आदि किसी के सिर पर नहीं था।

तेजी से कराया जाए निर्माण

यहां से गुजरने वाले राहगीरों ने कहा कि यह सड़क पहले से ही काफी चौड़ी थी। बिना वजह इसे और चौड़ा किया जा रहा है। फिर भी अफसरों ने निर्णय लिया है, तो यहां काम तेजी से कराएं, जिससे लोगों को निकलने में सहूलियत हो सके। अभी तो राहगीरों से ज्यादा यहां रहने वाले लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। इस सड़क से होकर तमाम बच्चे कोचिंग सेंटर के लिए जाते हैं। स्कूलों की ओर से भी आवाजाही इधर से ही होती है। मगर जिस तरह काम चल रहा, वह राहगीरों के लिए मुसीबत भरा है।

परेशान बाशिंदे

आए दिन यहां पर हादसे होते हैं। कई बार जब लोग हमारे सामने सड़क पर गिरे। उन्हें दौड़कर उठाया और फिर अस्पताल में भर्ती कराया, जिससे उन्हें समय से इलाज मिल सके। अफसरों को यहां पर निर्माण में तेजी लानी चाहिए।

-अलका सक्सेना, राहगीर यहां काम तेजी से कराया जाए। मिट्टी के ढेर नहीं लगाए जाएं, तत्काल इन्हें हटवाया जाए। एक बार तो सड़क पर फैली बजरी से स्वयं चोटिल हो चुके हैं। दोनों हाथों के बल गिरने से बचे, जिसमें दोनों हाथों की हथेलियों में चोट आई।

-आरएस पाल, क्षेत्रीय निवासी यह सड़क पहले से ही शहर की काफी चौड़ी सड़क थी। इसे आदर्श सड़क बनाने की कोई जरूरत नहीं थी। इससे बेहतर यहां लग रहा पैसा उन गलियों में लगता, जहां आज तक खड़ेंजे आदि हैं। ज्यादा बेहतर रहता।

प्रेम शंकर पटेल, राहगीर


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