अब बरेली के मनपंसद नंबर पर दौड़ेगी लखनऊ, कानपुर, मेरठ की नई गाड़ियां, परिवहन विभाग ने प्रदेश में बदली व्यवस्था, जानिए क्या होगा फायदा
New Vehicles Number System News परिवहन विभाग ने नए वाहनों के नंबर को लेकर नई व्यवस्था लागू की है। जिसके तहत परिवहन विभाग ने गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में अहम बदलाव किए हैं। अब प्रदेश के किसी भी जिले से वाहन खरीदने पर नंबर आपको बरेली का ही मिलेगा।
बरेली, जेएनएन। New Vehicles Number System News : परिवहन विभाग ने नए वाहनों के नंबर को लेकर नई व्यवस्था लागू की है। जिसके तहत परिवहन विभाग ने गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में अहम बदलाव किए हैं। अब प्रदेश के किसी भी जिले से वाहन खरीदने पर नंबर आपको बरेली का ही मिलेगा। प्रदेश में अब नई गाड़ियों को दिए जाने वाले अस्थायी नंबर आवंटित नहीं किए जाएंगे। सीधे स्थायी नंबर ही मिलेंगे। जबकि दूसरे प्रदेशों को जाने वाली गाड़ियों के लिए यह व्यवस्था लागू नहीं होगी। इसके अलावा वीआइपी नंबरों पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर दिए जाएंगे।
संभागीय परिवहन अधिकारी कमल गुप्ता ने बताया कि विभाग ने नई गाड़ियों के नंबरों के आवंटन में तीन नए प्रमुख बदलाव किए हैं। नई गाड़ियों के नंबर अब डीलर्स द्वारा फीस और टैक्स आनलाइन जमा किए जाने पर तुरंत ही आटोमेटिक जनरेट होंगे। लोगों को आरटीओ कार्यालय आने की जरुरत नहीं पड़ेगी। नई व्यवस्था होने से आवंटित होने वाले नंबरों में कोई भी उलटफेर नहीं हो सकेगा। लोगों को मनमर्जी से नहीं बल्कि आनलाइन व्यवस्था के जरिए क्रमबद्ध तरीके से ही नंबर एलाट होगा। इसके अलावा वीआइपी नंबर में बोली लगाने वाली व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। वीआइपी नंबरों की बिक्री की कमी के चलते सरकार ने इस व्यवस्था में बदलाव किया है।
डीलर्स से बोलकर मिलेगा गृह जनपद का नंबर
आरटीओ कमल गुप्ता ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत प्रदेश के किसी भी जिले में नई गाड़ी खरीदने पर उसका रजिस्ट्रेशन नंबर वाहन खरीदने वाले के गृह जनपद का दिया जाएगा। इसके लिए वाहन स्वामी को डीलर्स से यह बोलना पड़ेगा कि उसे उसके गृह जनपद का नंबर एलाट किया जाएगा। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि बाराबंकी का निवासी अगर बरेली में गाड़ी खरीदता है तो वहां के डीलर्स से बोलकर वह बाराबंकी का नंबर यूपी 41 ले सकेगा। हालांकि दूसरे प्रदेश में नया वाहन ले जाने पर अस्थायी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। यह अस्थायी रजिस्ट्रेशन एक महीने की जगह छह महीने तक के लिए होगा।