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New Vehicle Registration System : ARTO के अधिकार घटे, अब जुगाड़ से नहीं मिल सकेगा वाहनों का मनचाहा नंबर, जानिए क्या है नई व्यवस्था

New Vehicle Registration System नई व्यवस्था के तहत शासन ने वाहनों की बिक्री के साथ पंजीयन नंबर और पंजीयन प्रमाण पत्र जारी करने की जिम्मेदारी भी डीलरों को सौंप दी है। वाहन खरीदने के साथ ही लोगों को वीआइपी ऐच्छिक या सामान्य नंबर के लिए आवेदन करना होगा।

By Ravi MishraEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 12:57 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 12:57 PM (IST)
New Vehicle Registration System : ARTO के अधिकार घटे, अब जुगाड़ से नहीं मिल सकेगा वाहनों का मनचाहा नंबर, जानिए क्या है नई व्यवस्था
New Vehicle Registration System : ARTO के अधिकार घटे, अब जुगाड़ से नहीं मिल सकेगा वाहनों का मनचाहा नंबर

बरेली, जेएनएन। New Vehicle Registration System : नई व्यवस्था के तहत शासन ने वाहनों की बिक्री के साथ पंजीयन नंबर और पंजीयन प्रमाण पत्र जारी करने की जिम्मेदारी भी डीलरों को सौंप दी है। वाहन खरीदने के साथ ही लोगों को वीआइपी, ऐच्छिक या सामान्य नंबर के लिए आवेदन करना होगा। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन मनोज सिंह ने बताया कि उन्नाव में पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद शासन ने इस नई व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू करने की योजना तैयार कर ली है। यह व्यवस्था 15 सितंबर से मंडल में भी लागू करने के लिए विभाग ने तैयारी शुरु कर दी है।

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वाहन खरीदने के साथ शोरूम पर ही पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। वीआइपी हो या ऐच्छिक, सभी नंबरों का आवंटन शोरूम पर हो जाएगा। आरटीओ की संस्तुति लेकर डीलर गाड़ी का आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) शोरूम पर ही प्रिंट कर देंगे। इससे गाड़ी मालिक और वाहन डीलर को आरटीओ के चक्कर लगाने से निजात मिल जाएगी। नई व्यवस्था के तहत शासन ने वाहनों की बिक्री के साथ पंजीयन नंबर और पंजीयन प्रमाण पत्र जारी करने की जिम्मेदारी भी डीलरों को सौंप दी है। वाहन खरीदने के साथ ही लोगों को वीआइपी, ऐच्छिक या सामान्य नंबर के लिए आवेदन करना होगा।

डीलरो को जारी किए निर्देश

एआरटीओ प्रशासन मनोज सिंह ने बताया कि सभी डीलरों को नोटिस जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। डीलरों को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी पूरी तैयारी दुरुस्त कर लें। एआरटीओ के अनुसार अन्य शहरों के डीलर भी संबंधित स्थाई पते पर आरसी जारी कर सकेंगे। दूसरे राज्य में बाडी बनवाने के नाम पर वाहनों का एक की जगह छह माह का अस्थाई आरसी जारी होगा। पूरी व्यवस्था पारदर्शी होगी।

जुगाड़ से नहीं मिलेगा मनचाहा नंबर

अब नई गाड़ी खरीदने पर जुगाड़ से मनचाहा नंबर नहीं मिल सकेगा। गैर वीआइपी मनचाहा नंबर लेने के लिए गाड़ी खरीदने से पहले उसकी बुकिंग करानी होगी। अन्यथा डीलर प्वाइंट पर जैसे ही नई गाड़ी का टैक्स जमा होगा, वैसे ही पंजीयन का नंबर आवंटित हो जाएगा। गाड़ी नंबर आवंटन में विभाग, डीलर्स का भी कोई दखल नहीं हो सकेगा। एआरटी प्रशासन ने बताया कि मनचाहे गैर वीआइपी नंबर के लिए एक हजार रुपये दो पहिया व पांच हजार रुपये चार पहिया वाहन के जमा होंगे।

एआरटीओ के अधिकार घटे

परिवहन विभाग की नई व्यवस्था से एआरटीओ प्रशासन के गाड़ी नंबर देने के अधिकार घट जाएंगे। अब तक एआरटीओ गैर वीआइपी नंबर में किसी को भी मनचाहा नंबर दे सकता था। मगर नई व्यवस्था में एआरटीओ को ये अधिकार नहीं रहेगा।

परिवहन विभाग के डीलर प्वाइंट पर टैक्स जमा होते ही गाड़ी का पंजीयन नंबर आवंटित होने की नई व्यवस्था उन्नाव में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सफल होने के बाद पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जा रहा है। - मनोज सिंह, एआरटीओ प्रशासन


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