Nepalese Elephants in Pilibhit : पीलीभीत मेंं खिंच गई नेपाली हाथियों की मेहमानी, अब किसानाें काे मिलेगा मुआवजा
Nepalese Elephants in Pilibhit दो वर्ष पूर्व भी नेपाल से आए जंगली हाथियों ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व में दहशत फैलाई थी। जून 2019 में दो नर हाथी जंगल से निकलकर आबादी वाले क्षेत्र से होते हुए मुरादाबाद के निकट तक पहुंच गए थे।
बरेली, जेएनएन। Nepalese Elephants in Pilibhit : नेपाली हाथी पहले भी यहां के जंगल में विचरण करने आते रहे हैं लेकिन इस बार उनकी मेहमानी का दौर लंबा खिंच रहा है। दो वर्ष पूर्व भी नेपाल से आए जंगली हाथियों ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व में दहशत फैलाई थी। जून 2019 में दो नर हाथी जंगल से निकलकर आबादी वाले क्षेत्र से होते हुए मुरादाबाद के निकट तक पहुंच गए थे। आबादी वाले क्षेत्र में घुसने के बाद हाथियों ने क्षेत्र में काफी तोड़फोड़ की थी। इस बार तो हाथी नेपाल की ओर वापस जाने का नाम ही नहीं ले रहे।
जून 2019 में रमनगरा के निकट मायापुरी घाट से दो हाथियों ने आबादी वाले क्षेत्र में दस्तक दी थी। यह हांथी शारदा सागर डैम से होकर उत्तराखंड के जंगल में घुस गए। उत्तराखंड के जंगल में घुसने के बाद हाथी जंगल के अंदर ही अंदर सितारगंज के समीप पहुंच गए। अमरिया क्षेत्र में भी हाथियों ने काफी उत्पात मचाया था। येह हाथी धीरे धीरे मुरादाबाद के निकट तक पहुंच गए। उसके बाद इन हाथियों को बेहोश करके ट्रक के माध्यम से फिर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में लाया गया।
दोनों हाथियों को लग्गा भग्गा के जंगल में छोड़ दिया गया। एक हाथी वापस नेपाल चला गया। लेकिन दूसरे हाथी ने फिर से रमनगरा क्षेत्र में उत्पात मचाया दिया। हाथी द्वारा काफी तोड़फोड़ करने के बाद वन विभाग ने पश्चिम बंगाल से एक्सपर्ट बुलाकर हाथी को यहां से खदेड़ा। दो वर्ष बाद फिर एक बार पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हाथियों के झुंड ने एक माह पूर्व दस्तक दी। क्षेत्र के लोगों में दो वर्ष पूर्व की यादें ताजा हो गई।
एक माह तक ग्रामीणों में हाथियों की दस्तक के चलते दहशत का माहौल रहा। अब हाथियों के यहां से जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। हाथियों द्वारा बर्बाद की गई फसलों के मुआवजा के लिए अब ग्रामीण प्रशासन से उम्मीद लगाए हुए हैं। वन विभाग जल्द ही किसानों की बर्बाद फसलों के लिए मुआवजा देगा। महोफ़ रेंज के क्षेत्राधिकारी अरुण मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि जल्द ही अब किसानों की नष्ट फसल के लिए मुआवजा दिया जाएगा।
13पीआइएलपी-35
एक माह तक हाथियों की दस्तक से दिलों में खौफ रहा। हम लोग अपने खेतों की रखवाली के लिए भी नहीं जाते थे। हाथियों ने फसलों को खूब बर्बाद किया।- कैलाश चंद्र
फोटो-13पीआइएलपी-36
दो साल पूर्व की घटना याद आ गई। इस बार तो हाथियों का पूरा झुंड था। अगर आबादी की तरफ आ जाता तो बहुत बड़ा खतरा बन सकता था।- इरफान मंसूरी
फोटो-13पीआइएलपी-37
प्रशासन को ऐसे इंतजाम करना चाहिए जिससे हाथियों का झुंड फिर से टाइगर रिजर्व में सक्रिय ना हो पाए और किसान व उसकी फसल सुरक्षित रहे।- सियाराम
फोटो-13पीआइएलपी-38
हाथी जाने के बाद अब राहत की सांस ली है। बर्बाद फसलों का प्रशासन द्वारा आकलन कर लिया गया है। जल्द ही मुआवजा मिलने की उम्मीद है।- बाबूराम शर्मा