बरेली में अकेले रह रहे बुजुर्ग दंपती को हुआ कोरोना तो पड़ोसियों और दोस्तों ने पहुंचाई दवा और भोजन
कोरोना संक्रमण के इस भयावह परिस्थितियों में सबसे ज्यादा परेशान वह लोग हैं जिनके पास सब कुछ होते हुए भी अपने नहीं है। ऐसे बुजुर्ग जिन्होंने बच्चों को पढ़ा लिखकर विदेश भेज दिया। संक्रमण के इस दौर में आज यह लोग परेशान हैं।
बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के इस भयावह परिस्थितियों में सबसे ज्यादा परेशान वह लोग हैं, जिनके पास सब कुछ होते हुए भी अपने नहीं है। ऐसे बुजुर्ग जिन्होंने बच्चों को पढ़ा लिखकर विदेश भेज दिया। संक्रमण के इस दौर में आज यह लोग परेशान हैं। संक्रमित होने के बाद किसी की मां घर में अकेली है तो किसी के माता पिता ही एक दूसरे का सहारा हैं। बच्चों को सूचना दी तो तीस अप्रैल तक उड़ान रद्द होने की वजह से वह लोग नहीं आ सके। ऐसे में किसी ने पड़ोसियों से संपर्क किया तो किसी ने अपने दोस्तों को घर भेजा, तब जाकर बुजुर्गों को आक्सीजन, दवा, भोजन आदि का इंतजाम हो सका।
घर में अकेली मां को बेटे के दोस्त ने पहुंचाया अस्पताल
शहर के कैंट स्थित लालफाटक के पास रहने वाली गुरूशरण कौर घर में अकेली रहती हैं। उनका बेटा गुरुमंत कौर एक प्राइवेट कंपनी में बतौर इंजीनियर कार्यरत है। गुरूशरण कौर की तबीयत बिगड़ी तो उन्होंने अपनी कोविड जांच कराई। इसमें वह पॉजिटिव आईं तो होमआइसोलेट हो गईं। होम आइसोलेशन के दौरान उनकी तबीयत और बिगड़ने लगी तो उन्होंने पहले पड़ोसियों को सूचना दी, लेकिन वह अस्पताल में बेड का इंतजाम नहीं करा सके। इस पर गुरुरशरण ने कनाडा में रहने वाले बेटे को जानकारी दी। बेटे ने स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अपने मित्र विनय को फोन कर मदद मांगी। इसके बाद विनय ने गुरुशरण कौर को एंबुलेंस भेजकर एसआरएमएस अस्पताल में भर्ती कराया। जहां अभी उनका इलाज चल रहा है।
पड़ोसी ने दंपती के लिए पहुंचा दवा और आक्सीजन
शहर के वीरसावरकर नगर निवासी विशन सिंह और उनकी पत्नी दोनों लोगों ने ही करीब एक सप्ताह पहले अपनी जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट आने पर पता चला कि दोनों ही पॉजिटिव हैं। उनका बेटा कनाडा की एक टूर एंड ट्रेेवल्स कंपनी में कार्यरत है। बेटे संजीव को सूचना मिली तो उसने बरेली आने का प्रयास किया लेकिन फ्लाइट न होने के चलते वह नहीं आ सका। ऐसे में उसने अपने पड़ोस में रहने वाले पारस गुप्ता से इंटरनेट मीडिया के माध्यम से संपर्क किया। पूरा वाकाया बताया तो पारस ने नंबर लेकर विशन सिंह से संपर्क किया तो पता चला कि विशन सिंह पत्नी का ऑक्सीजन लेबल कम है और उनके पास दवाएं भी नहीं है। ऐसे में पारस ने दंपती के लिए दवाओं की किट और आक्सीजन सिलिंडर का प्रबंध किया।
30 अप्रैल तक बंद हैं इंटरनेशनल उड़ान
कोरोना संक्रमण के चलते पहले से ही बंद चल रही अंतराष्ट्रीय उड़ान को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। ऐसे में विदेश में रहने वाले लोग भारत नहीं आ पा रहे हैं। शहर में ऐसे जाने कितने परिवार हैं जिनके अपने विदेश में हैं, लेकिन उड़ान बंद होने के चलते वह अपनों की मदद के लिए नहीं आ पा रहे हैं।